शिमला: हिमाचल प्रदेश बेशक छोटा पहाड़ी राज्य है, लेकिन इसने विकास के बड़े शिखर चूमने में मिसाल कायम की है. हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था. अब देवभूमि (HIMACHAL STATEHOOD DAY) अपने पूर्ण राज्यत्व दिवस का शगुन वर्ष मना रही है. ठीक इक्यावन साल पहले जब हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था तो देश की पीएम इंदिरा गांधी थीं.
हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार मुख्यमंत्री थे. देवभूमि को अपने इस नए अवतार के दिन सफेद बर्फ के फाहों के रूप में प्रकृति का आशीष मिला था. 25 जनवरी 1971 के उस दिन शिमला में भारी बर्फबारी हो रही थी. शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पहुंची थीं. हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार व हजारों लोगों की मौजूदगी में पीएम इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया था.
हिमाचल प्रदेश ने इक्यावन साल के इस सफर में विकास के कई शिखर चूमे हैं. यहां हिमाचल के विकास के मील पत्थरों पर पर एक नजर डालना जरूरी है. चर्चा चाहे शानदार साक्षरता दर की हो, उच्च शिक्षा की या फिर स्वच्छ भारत अभियान की, हिमाचल देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे आगे की कतार में खड़ा है. ये सब उपलब्धियां हिमाचल ने महज 51 साल में हासिल की हैं. हिमाचल की उपलब्धियों से पहले इस प्रदेश को मिले पूर्ण राज्य के दर्जे की स्मृति दर्ज की जानी भी जरूरी है.
आसमान से बरसा था सफेद आशीष: देवभूमि हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने का जश्न प्रकृति ने भी खूब मनाया था. सोमवार 25 जनवरी 1971 को शिमला के रिज मैदान पर हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने का जश्न रखा गया था. इंदिरा गांधी हिमाचल को यह दर्जा देने का ऐलान करने आई थी.
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और फिर हिमाचल निर्माता के नाम से विख्यात हुए डॉ. वाईएस परमार भी रिज मैदान पर मौजूद थे. बर्फबारी हो रही थी, और आम जनता में भारी उत्साह था. शिमला, मंडी, कुल्लू, चंबा व प्रदेश के अन्य हिस्सों से हजारों लोग कई किलोमीटर पैदल चल कर जश्न का हिस्सा बनने के लिए शिमला पहुंचे थे.
सेवानिवृत आईएएस अधिकारी श्रीनिवास जोशी ने आकाशवाणी के जरिए उन पलों की लाइव कमेंट्री को आम जनता तक पहुंचाया था. कड़ाके की सर्दी में भी खुशी मनाने के लिए हजारों लोगों की भीड़ शिमला के रिज मैदान पर जुटी थी.
रियासतों को मिलाकर हुआ था हिमाचल का गठन, 1971 में मिला हक: हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हो चुका था. तीस छोटी रियासतों को मिलाकर हिमाचल बना था, लेकिन इसे पूर्ण राज्य का दर्जा 15 जनवरी वर्ष 1971 को मिला था. जिस समय हिमाचल का गठन हुआ, यहां केवल 228 किलोमीटर पक्की सडक़ें थीं.
इस समय हिमाचल में सड़कें 40 हजार किलोमीटर से भी अधिक की लंबाई वाली हैं. हिमाचल की करीब करीब सभी पंचायतें सडक़ मार्ग से जुड़ चुकी हैं. हिमाचल निर्माता व प्रदेश के पहले सीएम डॉ. वाईएस परमार का विकास का मूल मंत्र भी सड़कों का निर्माण ही था. वे सडक़ों को पहाड़ी राज्य की भाग्य रेखाएं कहा करते थे.
एक नजर में हिमाचल प्रदेश की उपलब्धियां
- ई-विधानसभा को सफलता से लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को हिमाचल में नए आयाम दिए हैं. हिमाचल बड़े राज्यों की श्रेणी में भारत का पहला स्वच्छ राज्य है.
- हरियाली का आवरण बढ़ाने के साथ कार्बन को कम करने वाला हिमाचल एशिया का पहला राज्य बना है. इसे कार्बन क्रेडिट के रूप में वल्र्ड बैंक से 1.93 करोड़ रुपए की पहली किश्त मिली थी.- हिमाचल का लक्ष्य अपने ग्रीन कवर को 33 फीसदी तक बढ़ाना है.
- हिमाचल की साक्षरता दर 86 फीसदी से अधिक है. बड़े राज्यों में हिमाचल से आगे केवल केरल है.
- गुणात्मक शिक्षा व स्कूलों में एनरोलमैंट के मामले में हिमाचल देश में सबसे आगे है.
- संसाधनों की कमी के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने संपन्नता की सीढ़ियां चढ़ी हैं. हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय दो लाख रुपए सालाना होने के करीब है. प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से हिमाचल देश के टॉप फाइव स्टेट में है.
- हिमाचल देश का सेब राज्य कहलाता है. यहां हर साल 3 से चार करोड़ पेटी से अधिक सेब पैदा किया जाता है.
- वालंटियर ब्लड डोनेशन के मामले में हिमाचल प्रदेश का स्थान देश में दूसरा है. यहां कुल ब्लड डोनेशन का 83 फीसदी स्वैच्छिक यानी वालंटियर है. यही नहीं, ब्लड ट्रांसफ्यूजन से एचआईवी या अन्य संक्रमण का एक भी मामला हिमाचल में सामने नहीं आया है.
- हर घर को गैस चूल्हा देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य. यानी हिमाचल धुआं मुक्त राज्य है.
- हर घर को नल से जल देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य होगा.
- कैंसर व अन्य रक्त संबंधी गंभीर रोगों से जूझने वाले मरीजों को प्रति माह तीन हजार रुपए की मदद देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
- हिमाचल में 65 से 69 साल की आयु की महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलती है.
- सीएम रिलीफ फंड से गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों को आर्थिक सहायता देने का हिमाचल का रिकार्ड देश में सबसे बेहतर है.
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हिमाचल में 986 करोड़ की लागत वाले ईएसआई मेडिकल कॉलेज नेरचौक सहित शिमला, टांडा, चंबा, नाहन व हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज हैं. बिलासपुर में एम्स में ओपीडी शुरू हो चुकी है. प्रदेश में 2700 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं और ये औसत देश के अन्य राज्यों से अधिक है. कोरोना की वैक्सीन में हिमाचल ने शत प्रतिशत दूसरी डोज का लक्ष्य हासिल किया. साथ ही पात्र बच्चों को वैक्सीन देने में भी अव्वल है. हिमाचल ने कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज खराब नहीं होने दी.
हिमाचल में बैंक शाखाओं का जाल है. यहां 2100 से अधिक बैंक शाखाएं हैं. देश में 11 हजार लोगों पर एक बैंक शाखा के मुकाबले हिमाचल में 3300 लोगों पर एक बैंक शाखा है. हिमाचल में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक बैंक शाखाएं हैं.
चुनौतियों की भी कमी नहीं हिमाचल में: हिमाचल प्रदेश छोटा पहाड़ी राज्य है और यहां आर्थिक संसाधन बहुत कम हैं. राज्य पर 62 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. सत्तर लाख रुपए की आबादी वाले हिमाचल में विकास के लिए केंद्र की मदद जरूरी है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल में अभी भी पेरीफरी में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी है. प्रदेश में दस लाख से अधिक युवा बेरोजगार हैं. रोजगार के अवसर कम हैं और सरकारी नौकरियों पर लोग अधिक आश्रित हैं.
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