शिमला: प्रदेश और देश को दुनिया भर में मान दिलाने वाले स्टार कबड्डी खिलाड़ी अजय ठाकुर (star kabaddi player ajay thakur) इन दिनों अपने तीखे बयानों के कारण चर्चा में हैं. अजय ठाकुर ने प्रदेश में कबड्डी एसोसिएशन व चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उसके बाद एसोसिएशन ने भी अपना पक्ष रखा. विवाद बढ़ने पर अब राज्य खेल विभाग ने दोनों से जवाब तलब किया है. खेल निदेशक राजेश शर्मा ने ईटीवी को बताया कि अजय ठाकुर और कबड्डी एसोसिएशन के पदाधिकारियों (Krishna Pal VS Ajay Thakur) को सार्वजनिक बयानबाजी के बजाय विभाग के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा गया है.
इसके लिए संबंधित पक्षों को एक सप्ताह के भीतर शिमला मुख्यालय आकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. खेल निदेशक ने कहा कि सारे विवाद को लेकर एक जांच अधिकारी नियुक्त होगा. उन्होंने इस विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. राजेश शर्मा ने बताया कि अजय ठाकुर ने जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर को-ऑपरेटिव सोसायटी को भी अवगत करवाया गया है. कारण यह है कि एसोसिएशन सोसायटी एक्ट के अधीन आती है.
उल्लेखनीय है कि अजय ठाकुर ने कबड्डी एसोसिएशन पर गंभीर आरोप लगाए थे. उसके बाद से विवाद निरंतर बढ़ता चला गया. अब खेल विभाग ने दखल दिया है. इससे पूर्व अजय ठाकुर ने सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उक्त आरोप लगाए गए थे. वहीं, कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष राज कुमार रांटा (Kabaddi Association President Raj Kumar Ranta) ने सोशल मीडिया पर कबड्डी को लेकर की जा रही बयानबाजी को गलत बताया था. उन्होंने कबड्डी खिलाड़ी अजय ठाकुर पर गलत भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया था. रांटा ने दावा किया है कि पारदर्शिता के साथ कबड्डी टीम का चयन किया गया है, जिसमें सीनियर खिलाड़ी हैं. अजय ठाकुर शिमला पहुंचकर खेल मंत्री राकेश पठानिया से भी मिले थे.
अजय ठाकुर का कहना है कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों का चयन समुचित प्रक्रिया के पालन के जरिए नहीं किया गया है. उन्होंने कबड्डी एसोसिएशन पर आरोप लगाया है कि शिवरात्रि मेले में एसोसिएशन ने खिलाड़ियों का चयन किया है. अजय ठाकुर ने कहा कि कबड्डी एसोसिएशन द्वारा खिलाड़ियों को एनओसी भी नहीं दी जा रही है. एनओसी न देने के पीछे कबड्डी एसोसिएशन की क्या मंशा है, इस बारे में उन्हें पता नहीं है.
उन्होंने कहा कि कबड्डी एसोसिएशन अगर हिमाचल की टीम नहीं खिलाना चाहती, तो अन्य राज्य खिलाड़ियों को खिलाने के लिए तैयार है, लेकिन कबड्डी एसोसिएशन (Himachal Pradesh Kabaddi Association) की ओर से खिलाड़ियों को एनओसी नहीं दी जा रही है. फिलहाल, हिमाचल प्रदेश सरकार के युवा सेवाएं व खेल विभाग के निदेशक ने अब सभी पक्षों को तलब कर जवाब मांगा है. देखना है कि अब इस विवाद का समाधान कैसे होता है.
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