शिमला: हिमाचल एसएमसी शिक्षक संघ (Himachal SMC Teachers Association) की 25 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल समाप्त हो गई (Himachal SMC Teachers Association hunger strike ends) है. दरअसल हिमाचल एसएमसी शिक्षक संघ पिछले काफी समय से उनके लिए स्थाई पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को मनवाने के लिए शिक्षक संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के हर जिले में सांकेतिक भूख हड़ताल की जिसे आज शिमला में भी समाप्त कर दिया गया है.
हिमाचल एसएमसी शिक्षक संघ द्वारा सांकेतिक भूख हड़ताल को समाप्त तो कर दिया गया है, लेकिन संघ अब आने वाले दिनों में नई रणनीति तैयार करेगी और सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोलेगी. संघ के सदस्यों का कहना है कि अगर कैबिनेट की बैठक में एसएमसी शिक्षकों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे. जिसे पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा और सरकार से अपनी मांग को मनवाया (Himachal SMC Teachers Association hunger strike) जाएगा.
एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज गुंगटा का कहना है कि वर्तमान में एसएमसी शिक्षकों और अनुबंध पर नियुक्त अन्य शिक्षकों के वेतन में पदवार 7800 से लेकर 10822 रुपये का अंतर है. सरकारी स्कूलों में एसएमसी के माध्यम से पीजीटी, डीपीई, टीजीटी, सीएंडवी और जेबीटी शिक्षक नियुक्त हैं. प्रदेश में 2555 एसएमसी शिक्षक इस समय अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सभी शिक्षक अपनी नौकरी बड़े अच्छे तरीके से करते हैं और दूरदराज क्षेत्रों में सेवाएं भी दे रहे हैं.
ऐसे में वर्ष 2012 में जो पॉलिसी उनके लिए बनाई गई थी, वह नियम अभी भी बरकरार है. एसएमसी का न तो वेतन बढ़ रहा है और न ही उनके लिए कोई पॉलिसी बनाई जा रही है. सरकार ने प्रदेश के अन्य सभी कर्मचारियों को उचित लाभ दिए हैं, लेकिन एसएमसी शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. ऐसे में इस तरह का भेदभाव एसएमसी शिक्षकों के साथ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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