शिमला: हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने (Himachal Rajkiya Adhyapak Sangh) अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल उन्हें एक मत से पद से हटा दिया है. संघ ने आरोपों के आधार पर संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया और उन्हें राज्य अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से निष्कासित (Virender Chauhan expelled) किया गया.
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश ठाकुर ने रविवार को शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि वीरेंद्र चौहान संघ की गतिविधियों को तानाशाही और अलोकतांत्रिक तरीके से चलाकर एकता व अखण्डता को नुकसान पहुंचा रहे थे. संघ की निधि का मनमाने ढंग से सरकार विरोधी के लिए प्रयोग किया. इसके अलावा संघ के पदाधिकारियों को डराना-धमकाना व सरकार के विरोध के लिए उकसाया जाता था. उन्होंने आरोप लगाया कि वह संघ का अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रयोग कर रहे थे.
वीरेंद्र चौहान को राज्य अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से निष्कासित (Virender Chauhan expelled) करने के बाद सदन ने सर्वसम्मति से कैलाश ठाकुर को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया. बैठक में यह भी पारित किया गया कि पूर्व अध्यक्ष द्वारा निष्कासित कांगड़ा व हमीरपुर की कार्यकारिणी के साथ-साथ जिला शिमला के अध्यक्ष, महासचिव वित्त सचिव के निष्कासन को रद्द किया गया है. यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि सरकार व विभाग को प्रस्ताव द्वारा सूचित किया जाए कि वीरेंद्र चौहान को अध्यक्ष के रूप में किसी भी गतिविधि को संघ की गतिविधि न मानें. कैलाश ने यह भी आरोप लगाया है कि वीरेंद्र चौहान ने संघ के पैसे का दुरुपयोग भी किया है.