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COVID-19: हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा का प्रोडक्शन बढ़ाएगा हिमाचल

हिमाचल फार्मा हब है और ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन (बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़) में 54 छोटी-बड़ी फार्मा कंपनियों को इस दवाई को बनाने का लाइसेंस मिला हुआ है. फिलवक्त 10 से 12 फार्मा कंपनियां हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवाई को बना रही हैं. अब जल्द सभी 54 यूनिट में इस दवाई का प्रोडक्शन शुरू कर दिया जाएगा.

production of hydroxychloroquine in himachal
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा का प्रोडक्शन
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Published : Apr 12, 2020, 1:57 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के बीच कई देश भारत से मलेरिया का उपचार करने वाली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (HCQ) दवा की मांग कर रहे हैं. हिमाचल फार्मा हब है और ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन (बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़) में 54 छोटी-बड़ी फार्मा कंपनियों को इस दवाई को बनाने का लाइसेंस मिला हुआ है.

फिलवक्त 10 से 12 फार्मा कंपनियां हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (hydroxychloroquine) दवाई को बना रही हैं. अब जल्द सभी 54 यूनिट में इस दवाई का प्रोडक्शन शुरू कर दिया जाएगा.

वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा को कारगर बताया जा रहा है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है. ऐसे में अगर इस दवा की मांग बढ़ती है तो हिमाचल स्थित सभी कंपनियों को प्रोडक्शन बढ़ाना पड़ेगा.

वीडियो रिपोर्ट.

हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य सुरक्षा नियामक निदेशक नरेश कुमार लठ ने बताया कि प्रदेश में मौजूद बाकि कंपनियां भी जिनके पास हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा को बनाने के लाइसेंस हैं वो प्रोडक्शन शुरू कर देंगे.

निदेशक नरेश कुमार लठ ने कहा कि हिमाचल में कर्फ्यू होने के बावजूद सीएम जयराम ठाकुर ने आदेश दिया है कि कंपनियां इन दवाइयों की प्रोडक्शन शुरू कर सकती हैं, जिससे दवाई की कमी न हो. हिमाचल में 10 से 12 कंपनियां है जो हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवाई को बना रहे हैं. वहीं, हिमाचल में जल्द ही बाकी निजी कंपनियां भी इस दवाई को बनाने का कार्य शुरू करेंगे.

निदेशक नरेश कुमार लठ ने बताया कि दवा का प्रोडक्शन सोमवार से शुरू करने के प्रयास हैं. इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मालिकों से इस बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी. जिसमें उन्होंने उद्योग मालिकों से प्रोडक्शन में आने वाली समस्याओं के बारे पूछा था.

जिसके बाद उद्योग के मालिकों ने कहा है कि उनके कर्मचारियों को आने में दिक्कत पेश आएगी. इसके लिए सरकार ने ड्रग कंट्रोलर, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर को कहा गया है कि फार्मा कंपनियों के कर्मचारियों को आने-जाने में परेशानी नहीं होगी.

निदेशक एनके लठ ने दवा की कितनी मांग है इसे लेकर बताया कि डिमांड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी जा सकती, ये जानकारी गोपनीय है इसे उजागर नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि सोमवार से प्रोडक्शन शुरू कर देंगे, फिलहाल फार्मा कंपनियां 24 घंटे इस दवाई को बनाने में लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा, सरकार व विभाग इन कंपनियों का सहयोग कर रहे हैं और इनको भरपूर मात्रा में दवाई की प्रोडक्शन करने को कहा गया है जिससे कि लोगों को हाइड्रोक्लोरोक्वाइन दवाई मिल सकेगी और कोरोना वायरस का इलाज हो सकेगा.

ये भी पढ़ें: कोविड-19 ट्रैकर: प्रदेश में कोरोना के 18 एक्टिव केस, 9 मरीज हुए ठीक

शिमला: कोरोना संकट के बीच कई देश भारत से मलेरिया का उपचार करने वाली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (HCQ) दवा की मांग कर रहे हैं. हिमाचल फार्मा हब है और ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन (बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़) में 54 छोटी-बड़ी फार्मा कंपनियों को इस दवाई को बनाने का लाइसेंस मिला हुआ है.

फिलवक्त 10 से 12 फार्मा कंपनियां हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (hydroxychloroquine) दवाई को बना रही हैं. अब जल्द सभी 54 यूनिट में इस दवाई का प्रोडक्शन शुरू कर दिया जाएगा.

वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा को कारगर बताया जा रहा है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है. ऐसे में अगर इस दवा की मांग बढ़ती है तो हिमाचल स्थित सभी कंपनियों को प्रोडक्शन बढ़ाना पड़ेगा.

वीडियो रिपोर्ट.

हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य सुरक्षा नियामक निदेशक नरेश कुमार लठ ने बताया कि प्रदेश में मौजूद बाकि कंपनियां भी जिनके पास हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा को बनाने के लाइसेंस हैं वो प्रोडक्शन शुरू कर देंगे.

निदेशक नरेश कुमार लठ ने कहा कि हिमाचल में कर्फ्यू होने के बावजूद सीएम जयराम ठाकुर ने आदेश दिया है कि कंपनियां इन दवाइयों की प्रोडक्शन शुरू कर सकती हैं, जिससे दवाई की कमी न हो. हिमाचल में 10 से 12 कंपनियां है जो हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवाई को बना रहे हैं. वहीं, हिमाचल में जल्द ही बाकी निजी कंपनियां भी इस दवाई को बनाने का कार्य शुरू करेंगे.

निदेशक नरेश कुमार लठ ने बताया कि दवा का प्रोडक्शन सोमवार से शुरू करने के प्रयास हैं. इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मालिकों से इस बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी. जिसमें उन्होंने उद्योग मालिकों से प्रोडक्शन में आने वाली समस्याओं के बारे पूछा था.

जिसके बाद उद्योग के मालिकों ने कहा है कि उनके कर्मचारियों को आने में दिक्कत पेश आएगी. इसके लिए सरकार ने ड्रग कंट्रोलर, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर को कहा गया है कि फार्मा कंपनियों के कर्मचारियों को आने-जाने में परेशानी नहीं होगी.

निदेशक एनके लठ ने दवा की कितनी मांग है इसे लेकर बताया कि डिमांड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी जा सकती, ये जानकारी गोपनीय है इसे उजागर नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि सोमवार से प्रोडक्शन शुरू कर देंगे, फिलहाल फार्मा कंपनियां 24 घंटे इस दवाई को बनाने में लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा, सरकार व विभाग इन कंपनियों का सहयोग कर रहे हैं और इनको भरपूर मात्रा में दवाई की प्रोडक्शन करने को कहा गया है जिससे कि लोगों को हाइड्रोक्लोरोक्वाइन दवाई मिल सकेगी और कोरोना वायरस का इलाज हो सकेगा.

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