शिमला: राष्ट्रीय पटल पर हिमाचल प्रदेश पुलिस अपहरण और लापता लोगों की रिकवरी मामले में देशभर में अव्वल आंकी गई है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड द्वारा (national crime record) क्राइम इन इंडिया 2021 में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार अपहरण के मामलों की रिकवरी में हिमाचल पुलिस देशभर में दूसरे स्थान पर और लापता लोगों की रिकवरी के मामले में उत्तर भारत में सबसे (Recovery of missing people in Himachal) अव्वल रही है. एनसीआरबी के अनुसार साल 2021 के दौरान हिमाचल प्रदेश में अपहरण के कुल 430 अभियोग पंजीकृत किए गये, जबकि साल 2020 में 343 और 2019 में 455 मामले दर्ज किए गए थे.
हिमाचल प्रदेश में साल 2021 के दौरान अपहरण के मामलों की पंजीकरण दर प्रति लाख जनसंख्या पर राष्ट्रीय औसत 7.4 की तुलना में 5.8 है. जबकि यह दर हरियाणा में 12, पंजाब 5.9, उत्तर प्रदेश 6.3, उत्तराखंड 7.2, चंडीगढ़ 12.7, दिल्ली 26.7 और जम्मू-कश्मीर 7.5 है. साल 2021 के दौरान अपहरण के पंजीकृत अभियोगों में कुल 440 पीड़ित थे, जबकि इससे पिछले वर्ष के 88 पीड़ितों का पता नहीं चला था. इस प्रकार कुल 528 पीड़ितों में से 451 को ढूंढा गया. राज्य में साल 2021 के दौरान अपहृत व्यक्तियों को ढूंढने की प्रतिशतता राष्ट्रीय औसत 50.8 की तुलना में 85.4 है. अपहृत व्यक्तियों को ढूंढने के मामले में हिमाचल प्रदेश ओडिशा के बाद सभी राज्यों में दूसरे स्थान पर है.
हरियाणा में ढूंढने की दर 78.9, पंजाब 42.9, उत्तर प्रदेश 50, उत्तराखंड 5.5, चंडीगढ़ 41.2, दिल्ली 34.7 और जम्मू-कश्मीर 55.8 है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2021 के दौरान हिमाचल प्रदेश में लापता बच्चों की रिकवरी उत्तर भारत में सबसे ज्यादा है. साल 2021 के दौरान कुल 444 गुम हुए, जबकि पिछले वर्ष 100 बच्चों का भी पता नहीं चला था. वर्ष 2021 के दौरान कुल 544 लापता बच्चों में से 456 को ढूंढ लिया गया है. हिमाचल प्रदेश में गुमशुदा बच्चों को ढूंढने की प्रतिशतता 83.8 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 63.3 है. लापता बच्चों को ढूंढने में हिमाचल प्रदेश केरल (93.3), नागालैंड और तेलंगाना (86.2), त्रिपुरा (85.2) और मेघालय (84.5) के बाद छठे स्थान पर है.
हरियाणा में लापता लोगों को ढूंढने की प्रतिशतता 57.6, पंजाब में 22.7, दिल्ली में 48.6, चंडीगढ़ में 33.8, उत्तराखंड में 68.8, उत्तर प्रदेश में 52.2 और जम्मू-कश्मीर में 33.2 है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में लापता बच्चों बरामद करने का प्रतिशत उत्तर भारत में सर्वाधिक है. वर्ष 2021 के दौरान, कुल 2203 व्यक्ति गुम हुए और पिछले वर्ष के 1497 लोगों का भी पता नहीं चला था. कुल 3700 लापता व्यक्तियों में से 2308 को 2021 के दौरान ढूंढा गया. हिमाचल प्रदेश में लापता व्यक्तियों को खोजने की प्रतिशतता 62.4 है तथा राष्ट्रीय औसत 52.9 है.
हरियाणा में लापता व्यक्तियों को खोजने की प्रतिशतता 57.8, पंजाब 16.6 दिल्ली 33.5, चंडीगढ़ 29.4, उत्तराखंड 50.7, उत्तर प्रदेश 39.5 और जम्मू-कश्मीर 38.9 है. उत्तर भारत में लापता लोगों को खोजने में भी हिमाचल प्रदेश शीर्ष पर है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक हिमाचल पुलिस द्वारा नाबालिग बच्चों के गुम होने की सूचना मिलने पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है. लापता लोगों का पता लगाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाते है. प्रदेश के सभी पुलिस थानों में एक नया रजिस्टर नंबर 28 बी शुरू किया गया है, जिसमें लापता महिलाओं और बच्चों का रिकॉर्ड रखा जाता है. अपहरण और लापता व्यक्तियों की समीक्षा प्रत्येक सोमवार को डीजीपी द्वारा साप्ताहिक आधार पर की जाती है. हिमाचल प्रदेश द्वारा की गई इस तरह की पहल के कारण पीड़ितों की बरामदगी का पता लगाने में उत्तर भारतीय में शीर्ष पर रही है.
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