शिमला: हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी के खिलाफ राज्य कौशल विकास निगम (Himachal Pradesh Kaushal Vikas Nigam) एक साथ कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है. कौशल विकास निगम ने जून 2023 तक प्रदेश के 56 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई में 37191 युवाओं को शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग का लक्ष्य रखा है. इस अभियान के तहत अब तक 10413 युवा प्रशिक्षण ले चुके हैं. यही नहीं प्रशिक्षण हासिल करने वाले युवाओं में से 700 नौजवानों की विभिन्न कंपनियों में रोजगार के लिए प्लेसमेंट भी हो चुकी है.
बड़ी बात यह है कि सारा प्रशिक्षण निशुल्क है और शॉर्ट टर्म के लिए होता है. ईटीवी से बातचीत में हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के स्टेट को-ऑर्डिनेटर नवीन शर्मा ने बताया कि निगम की योजनाओं के तहत 56 आईटीआई में प्रशिक्षण पर 74 करोड़ रुपए से अधिक की रकम खर्च की जा रही है. इसके अलावा 50 आईटीआई में उपकरणों और मशीनों की अपग्रेडेशन पर 75 करोड़ रुपए की रकम खर्च की जा रही है.
ट्रेनिंग के बाद कैंपस प्लेसमेंट भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana) के तहत हिमाचल में अब तक तीन चरणों में 16 हजार 375 युवाओं ने प्रशिक्षण लिया और अढाई हजार को प्लेसमेंट भी मिल चुकी है. नवीन शर्मा ने बताया कि इसके अलावा कौशल विकास निगम (Himachal Pradesh Kaushal Vikas Nigam) ने आईआईटी मंडी, एनआईएफडी कांगड़ा, पर्वतारोहण संस्थान मनाली सहित कुल 12 संस्थानों से एमओयू साइन किया है. जहां युवाओं को संबंधित विषयों की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए 21 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है. कौशल विकास निगम ने 12 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने का लक्ष्य रखा है और इसमें से 3834 बच्चों को अब तक ट्रेनिंग मिल चुकी है.
नवीन शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में युवाओं को स्वावलंबी बनाने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि केंद्र की पहल और दिशा निर्देश से (Kaushal Vikas Nigam against unemployment) हिमाचल में युवाओं के कौशल विकास का अभियान सफलता पूर्वक चल रहा है. नवीन ने कहा कि कौशल विकास निगम का फोकस केवल युवाओं के कौशल को निखारना और प्रशिक्षण प्रदान करना ही नहीं है बल्कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें बेहतर रोजगार सुनिश्चित करना भी है.