शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मेडिकल लैब टेक्नीशियन ग्रेड-2 के पदों को बैच वाइज आधार पर भरने का परिणाम घोषित करने के आदेश जारी किए. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने हिमाचल प्रदेश पैरा मेडिकल द्वारा 50 बिस्तरों वाले मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से 6 माह के ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की शर्त में दी गई एक मुश्त छूट को देखते हुए यह आदेश जारी किए.
प्रार्थियों के अनुसार हिमाचल प्रदेश पैरा मेडिकल काउंसिल उनकी डिग्री को इसलिए पंजीकृत नहीं कर रही थी कि उनके पास 50 बिस्तरों वाले मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से 6 माह का ट्रेनिंग सर्टिफिकेट नहीं था. इस कारण प्रार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उक्त शर्त को गैरकानूनी ठहराते हुए उन्हें पंजीकृत करने के आदेशों की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने प्रार्थियों को बैच वाइज भर्ती के लिए 2 से 7 नवम्बर 2020 तक हुई काउंसलिंग में अस्थाई तौर पर भाग लेने की इजाजत दी थी और बिना कोर्ट की अनुमति के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी थी.
मामले की सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश पैरा मेडिकल काउंसिल की ओर से कोर्ट को बताया गया कि काउंसिल ने 30.09.2018 से पहले मेडिकल लैब टेक्नीशियन की डिग्री पाने वालों को पंजीकरण के लिए 50 बिस्तरों वाले मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से 6 माह के ट्रेनिंग सर्टिफिकेट की शर्त से एक मुश्त छूट देने का नीतिगत निर्णय लिया है. कोर्ट ने इस नीतिगत निर्णय को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए कि वह प्रार्थियों का परिणाम घोषित करे और उन्हें 50 बिस्तरों वाले मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से 6 माह के ट्रेनिंग सर्टिफिकेट पेश करने के लिए जोर न दे क्योंकि सभी प्रार्थियों ने अपने डिग्री अथवा डिप्लोमा 30 सितम्बर 2018 से पहले हासिल किए हैं.
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