शिमला: लुहाण खड्ड में हो रहे अवैध और अवैज्ञानिक खनन (Illegal Mining in Luhan Khad ) के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने प्रधान सचिव गृह और प्रधान सचिव उद्योग को नोटिस जारी किया है. अदालत ने राज्य भू वैज्ञानिक से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है. भू वैज्ञानिक को अवैध खनन पर उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. मुख्य न्यायाधीश एए सईद और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश दिए. मामले की सुनवाई 19 अक्तूबर 2022 को निर्धारित की गई है.
बता दे कि, इस मामले में उद्योग विभाग के निदेशक, डीसी सोलन और बिलासपुर, एसपी सोलन और बिलासपुर, जिला खनन अधिकारी सोलन और बिलासपुर, डीएफओ सोलन, राज्य भूवैज्ञानिक और नैना स्टोन क्रशर को प्रतिवादी बनाया गया है. हाईकोर्ट ने सभी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता ने नैना स्टोन क्रशर पर लुहाण खड्ड से अवैध और अवैज्ञानिक खनन का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता के अनुसार खनन के कारण वनस्पतियों, जीवों, जल स्रोतों का विनाश हो रहा है.
इस मामले में दलील दी गई कि जिला सोलन और बिलासपुर के अंतर्गत आने वाले लुहाण खड्ड के कुछ हिस्से को प्रदेश सरकार ने नैना स्टोन क्रशर को पांच साल की अवधि के लिए पट्टे पर दिया है. पत्थर, रेत और बजरी के रूप में खनिज का उत्खनन भारी मशीनों के साथ किया जा रहा है। अवैज्ञानिक और बेतरतीब खनन करने के लिए नदी तट में मोटर योग्य सड़कों का निर्माण किया गया है। अवैध खनन के कारण लुहाण खड्ड पर बना पुल भी खतरे में है। आरोप लगाया गया है कि क्रशर लीज क्षेत्र से बाहर खनन कर रहा है। इससे गांव वालों की कृषि योग्य भूमि का कटाव हो रहा है.
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