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ठियोग में किसानों ने किया चक्का जाम, नया कृषि बिल वापस लेने की उठाई मांग

ठियोग में हिमाचल किसान सभा ने कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में सैकड़ों किसानों ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग पांच धरना दिया. विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कमजोर बनाने और बड़े-बड़े और औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है.

kisan sabha blocked road in theog
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Published : Sep 25, 2020, 9:41 PM IST

ठियोग/शिमलाः कृषि विधेयकों के खिलाफ जहां पूरे देश के किसानों में विरोध की लहर चल रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश किसान सभा भी विरोध में लामबंद हो गई है. शुक्रवार को हिमाचल किसान सभा के बैनर तले ठियोग के विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में सैकड़ों किसानों ने ठियोग में धरना प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय उच्च मार्ग पांच पर करीब एक घंटा चक्का जाम किया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

प्रदर्शन के चलते राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई. इससे लोगों को असुविधा का सामना भी करना पड़ा हालांकि प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस और आर्मी के वाहनों को जाने दिया. इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए क्षेत्र के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्र सरकार देश की रीड़ किसानों की आर्थिकी को जहां दोगुना करने की बात कर रही है. वहीं, किसान विरोधी नए-नए अध्यादेश ला रही है.

वीडियो.

राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कमजोर बनाने और बड़े-बड़े और औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ कुछ प्रदेश के मुख्यमंत्री ऑनलाइन कई मंडियों का उद्घाटन कर रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार एपीएमसी को खत्म कर मंडियों को तहस-नहस करने का काम कर रही है. पूरे देश के किसान आज सड़कों पर हैं और अपने हक की लड़ाई के लिए लड़ रहे हैं और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार किसान विरोधी बिल वापस नहीं ले लेती.

गौरतलब है कि कृषि विधेयकों के विरोध में देश भर में शुक्रवार को किसान व अन्य संगठन सड़कों पर उतरे हैं. हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों ने किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया है. विभिन्न किसान व अन्य संगठन सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को किसानों का कानूनी अधिकार घोषित करे. इसके अलावा भी कई प्रावधानों को लेकर किसानों में असंतोष है.

ये भी पढ़ें- सड़क हादसों पर भारी पड़ा कोरोना 'काल', दुर्घटनाओं में आई 13 फीसदी की कमी

ये भी पढ़ें- केंद्रीय राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी के निधन के चलते हिमाचल के सबसे लंबे स्टील पुल का उद्घाटन टला

ठियोग/शिमलाः कृषि विधेयकों के खिलाफ जहां पूरे देश के किसानों में विरोध की लहर चल रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश किसान सभा भी विरोध में लामबंद हो गई है. शुक्रवार को हिमाचल किसान सभा के बैनर तले ठियोग के विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में सैकड़ों किसानों ने ठियोग में धरना प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय उच्च मार्ग पांच पर करीब एक घंटा चक्का जाम किया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

प्रदर्शन के चलते राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई. इससे लोगों को असुविधा का सामना भी करना पड़ा हालांकि प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस और आर्मी के वाहनों को जाने दिया. इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए क्षेत्र के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्र सरकार देश की रीड़ किसानों की आर्थिकी को जहां दोगुना करने की बात कर रही है. वहीं, किसान विरोधी नए-नए अध्यादेश ला रही है.

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राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कमजोर बनाने और बड़े-बड़े और औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ कुछ प्रदेश के मुख्यमंत्री ऑनलाइन कई मंडियों का उद्घाटन कर रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार एपीएमसी को खत्म कर मंडियों को तहस-नहस करने का काम कर रही है. पूरे देश के किसान आज सड़कों पर हैं और अपने हक की लड़ाई के लिए लड़ रहे हैं और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार किसान विरोधी बिल वापस नहीं ले लेती.

गौरतलब है कि कृषि विधेयकों के विरोध में देश भर में शुक्रवार को किसान व अन्य संगठन सड़कों पर उतरे हैं. हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों ने किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया है. विभिन्न किसान व अन्य संगठन सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को किसानों का कानूनी अधिकार घोषित करे. इसके अलावा भी कई प्रावधानों को लेकर किसानों में असंतोष है.

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