शिमला: हिमाचल के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर (Himachal Industries Minister Bikram Thakur) ने गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के शीर्षस्थ निगरानी प्राधिकरण की बैठक में भाग लिया. बैठक में हिमाचल के कैबिनेट मंत्री ने ऊना को अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा (एकेआईसी, Amritsar Kolkata Industrial Corridor) परियोजना में शामिल करने का आग्रह किया.
उद्योग मंत्री ने कहा कि ऊना जिला, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन, Baddi Barotiwala Nalagarh) क्षेत्र से सिर्फ 80 किमी की दूरी पर स्थित है और यह क्षेत्र प्रदेश के एक अन्य औद्योगिक जिला बनने की क्षमता रखता है. उन्होंने कहा कि जिले में सुदृढ़ सड़क एवं रेल नेटवर्क उपलब्ध है, जिसके परिणाम स्वरूप राज्य सरकार पहले ही जिले में बल्क ड्रग पार्क (Bulk Drug Park in Himachal) और ईवी पार्क प्रस्तावित कर चुकी है.
बैठक में कैबिनेट मंत्री (National Industrial Corridor Development Program in Delhi) ने कहा कि जिले में राज्य का पहला फूड पार्क और सात औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं. इसके अलावा, जिले में लगभग 2000 एकड़ कुल भूमि के साथ कुछ आगामी औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित हैं. इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने ऊना को एकेआईसी परियोजना के तहत शामिल करने का अनुरोध किया, जो न केवल ऊना जिले में औद्योगिक विकास को वांछित गति प्रदान करेगा, बल्कि पड़ोसी जिलों को भी आर्थिक प्रोत्साहन देगा, जहां राज्य की लगभग 50 प्रतिशत आबादी निवास करती है.
उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरीडोर विकास निगम सीमित (एनआईसीडीसी) के बीच एक संयुक्त उद्यम स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) प्रतिपादित किया जा रहा है और एनआईसीडीसी द्वारा किराए पर ली गई पेशेवर एजेंसी द्वारा साझा विकासात्मक ढांचे (ट्रंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि बीबीएन क्षेत्र में मेडिकल डिवाइसेस पार्क (300 एकड़) व डिफेंस पार्क (800 एकड़) जैसी राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को आधार बनाया गया है.
उद्योग मंत्री ने राज्य की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने बीबीएन नोड में किए गए विकास के बारे में जमीनी सर्वेक्षण पूरा करने और बीबीएन क्षेत्र में 1000 एकड़ से अधिक भूमि पार्सल के साथ पांच एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) चिन्हित करने के बारे में भी अवगत कराया. बैठक में निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति भी शामिल हुए.
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