शिमला: हाईकोर्ट ने (Himachal High Court ) निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के वेतन को कोर्ट के आदेशों के अनुमति के बिना न जारी करने के आदेश जारी किए हैं. एक शिक्षक के वेतन का भुगतान करने बाबत शिक्षा विभाग द्वारा पारित अदालती आदेशों की अनुपालना न करने पर हाईकोर्ट को यह कठोर कदम उठाना पड़ा. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी गणेश दत्त द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए.
मामले के अनुसार प्रार्थी गणेश दत्त जो एक अध्यापक हैं वर्ष 2013 से शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहा है. लेकिन उसे प्रदेश सरकार द्वारा कोई मासिक वेतन नहीं दिया जा रहा था. वर्ष 2017 में प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने सरकार को निर्देश दिए थे कि प्रार्थी को शुरू से अभी तक का मासिक वेतन दिया जाए. प्रदेश सरकार ने तत्कालीन प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना नहीं की. मजबूरन प्रार्थी को वर्ष 2021 में आदेशों की अनुपालना हेतु याचिका दायर करनी पड़ी. मामले पर 23 जून 2022 को सुनवाई होगी.
शिमला पेयजल संकट पर हाई कोर्ट के आदेश: राजधानी शिमला पेयजल संकट मामले में (High Court order on Shimla water crisis) प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यटन विभाग को प्रतिवादी बनाते हुए विभाग को आदेश दिए कि वह 31 मई 2022 तक शिमला व इसके आसपास क्षेत्रों में स्थित होटलों की जानकारी दें. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने अधिवक्ता विजय अरोड़ा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जल प्रबंधन निगम को भी आदेश दिए कि वह कोर्ट के समक्ष वर्षा जल, प्राकृतिक जल स्त्रोत व पुरानी बावड़ियों के सही से उपयोग करने संबंधी जरूरी सुझाव रखें. मामले पर सुनवाई आगामी 31 अगस्त को निर्धारित की गई है. कोर्ट ने शिमला के आसपास ऐसी जगहों की तलाश करने को भी कहा है जहां पानी की स्टोरेज की जा सके और जरूरत पड़ने पर उनका रुख किया जा सके.
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