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नगर निगम शिमला की चुनाव प्रक्रिया पर रोक, हाइकोर्ट ने दिए पुनर्सीमांकन के आदेश - हाइकोर्ट ने दिए पुनर्सीमांकन के आदेश

नगर निगम शिमला के चुनाव में अब समय लगेगा. हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को निगम एरिया में पुनर्सीमांकन के आदेश (High court on Shimla MC election) दिए हैं. अदालत की डबल बेंच ने ये फैसला सुनाया. गुरुवार को अदालत ने फैसले के लिए आज यानी शुक्रवार का दिन तय किया था.

नगर निगम शिमला की चुनाव प्रक्रिया पर रोक
नगर निगम शिमला की चुनाव प्रक्रिया पर रोक
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Published : Jun 3, 2022, 11:17 AM IST

Updated : Jun 3, 2022, 12:30 PM IST

शिमला : नगर निगम शिमला के चुनाव (shimla municipal corporation elections) में अब समय लगेगा. हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को निगम एरिया में पुनर्सीमांकन के आदेश (High court on Shimla MC election) दिए हैं. हाइकोर्ट के इस फैसले के मुताबिक प्रशासन को वार्डों के पुनर्सीमांकन (high court orders re delimitation) का आदेश दिया गया है. हाइकोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को फैसला सुरक्षित रखा था.

अप्रैल में होना थे चुनाव: शिमला नगर निगम चुनाव अप्रैल (Shimla MC election) में होने थे, लेकिन वार्डबंदी और आरक्षण रोस्टर पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्षद की तरफ से एक याचिका हाइकोर्ट में दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि पुनर्सीमांकन को लेकर नियमों का पालन नहीं किया गया. प्रार्थी ने याचिका में शहरी विकास विभाग सहित डीसी शिमला, चुनाव आयोग व एसडीएम शहरी व ग्रामीण शिमला को भी प्रतिवादी बनाया था.

फैसले का असर- हाई कोर्ट ने नगर निगम शिमला में किए गए पुनर्सीमांकन पर डीसी को पुनर्विचार करने के निर्देश जारी किए हैं. अब अदालत के आदेश के बाद नगर निगम चुनाव समय पर होने को लेकर संशय पैदा हो गया है. कारण ये है कि जब तक पुनर्सीमांकन नहीं हो जाता, चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं होगी. निगम का कार्यकाल 18 जून को पूरा होना है.

निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं: प्रार्थी का आरोप था कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने निगम वार्डों का पुनर्सीमांकन कर 41 वार्ड बनाने व आरक्षण रोस्टर तैयार करते समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और न ही हाईकोर्ट के इस संदर्भ में दिए निर्देशों का पालन किया. प्रार्थी के अनुसार कोर्ट ने सरकार व चुनाव आयोग को आदेश दिए थे कि लोकतांत्रिक चुनावों की प्रक्रिया आरंभ करने से पहले तमाम औपचारिकताएं कम से कम 3 महीने पहले पूरी कर ली जानी चाहिए, जिससे सभी पीड़ित पक्ष समय से आपत्तियां दर्ज करवा सके व जरूरत पड़ने पर समय रहते वे अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख सके.

उल्लेखनीय है कि पुनर्सीमांकन को लेकर उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर की गई थी. इन याचिकाएं समरहिल वॉर्ड और नाभा वार्ड के सीमांकन से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा एक याचिका समरहिल वॉर्ड रोस्टर रिजर्वेशन रोस्टर को लेकर भी एक अदालत में दायर की गई थी. रोस्टर से जुड़ी इस याचिका में समरहिल वॉर्ड को महिलाओं के लिए रिजर्व करने पर आपत्ति दर्ज करवाई गई थी. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुनर्सीमांकन की याचिका को स्वीकार करते हुए वार्ड नंबर 5 समरहिल और वार्ड नंबर 11 नाभा में किए गए पुनर्सीमांकन पर पुनर्विचार करने के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा रोस्टर को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सिर्फ वार्ड नंबर 5 और वार्ड नंबर 11 के पुनर्सीमांकन पर विचार करने के आदेश जारी किए हैं. अन्य वार्डों में सरकार की ओर से किए गए पुनर्सीमांकन की स्थिति यथावत बनी रहेगी.

इस से पूर्व 24 फरवरी को शिमला के डीसी ने पुनर्सीमांकन के निर्देश जारी किए थे. इसके बाद मामले में कुल 4 याचिकाएं दायर की गई थी. कुल चार याचिकाओं में पुनर्सीमांकन से जुड़ी तीन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए संबंधित याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों को सुनने के निर्देश दिए गए हैं.

कमिश्नर रूल लगना तय: उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने हाल ही में नगर निगम शिमला का पुनर्सीमांकन कर कुल 41 वार्ड बनाने की अधिसूचना जारी की थी. साथ ही इन वार्डों में चुनाव से जुड़े आरक्षण रोस्टर की अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी. अब हाईकोर्ट के फ़ैसले से चुनाव में देरी होगी. तय समय पर चुनाव न होने से शिमला में कमिश्नर रूल लगना तय है. गौरतलब है कि नगर निगम का कार्यकाल खत्म होने के बाद तय वक्त पर चुनाव ना होने पर कमिश्नर रूल लगेगा.

ये भी पढ़ें :Municipal Corporation Shimla के पुनर्सीमांकन और चुनाव मामले पर High Court शुक्रवार को सुनाएगा फैसला

शिमला : नगर निगम शिमला के चुनाव (shimla municipal corporation elections) में अब समय लगेगा. हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को निगम एरिया में पुनर्सीमांकन के आदेश (High court on Shimla MC election) दिए हैं. हाइकोर्ट के इस फैसले के मुताबिक प्रशासन को वार्डों के पुनर्सीमांकन (high court orders re delimitation) का आदेश दिया गया है. हाइकोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को फैसला सुरक्षित रखा था.

अप्रैल में होना थे चुनाव: शिमला नगर निगम चुनाव अप्रैल (Shimla MC election) में होने थे, लेकिन वार्डबंदी और आरक्षण रोस्टर पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्षद की तरफ से एक याचिका हाइकोर्ट में दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि पुनर्सीमांकन को लेकर नियमों का पालन नहीं किया गया. प्रार्थी ने याचिका में शहरी विकास विभाग सहित डीसी शिमला, चुनाव आयोग व एसडीएम शहरी व ग्रामीण शिमला को भी प्रतिवादी बनाया था.

फैसले का असर- हाई कोर्ट ने नगर निगम शिमला में किए गए पुनर्सीमांकन पर डीसी को पुनर्विचार करने के निर्देश जारी किए हैं. अब अदालत के आदेश के बाद नगर निगम चुनाव समय पर होने को लेकर संशय पैदा हो गया है. कारण ये है कि जब तक पुनर्सीमांकन नहीं हो जाता, चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं होगी. निगम का कार्यकाल 18 जून को पूरा होना है.

निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं: प्रार्थी का आरोप था कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने निगम वार्डों का पुनर्सीमांकन कर 41 वार्ड बनाने व आरक्षण रोस्टर तैयार करते समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और न ही हाईकोर्ट के इस संदर्भ में दिए निर्देशों का पालन किया. प्रार्थी के अनुसार कोर्ट ने सरकार व चुनाव आयोग को आदेश दिए थे कि लोकतांत्रिक चुनावों की प्रक्रिया आरंभ करने से पहले तमाम औपचारिकताएं कम से कम 3 महीने पहले पूरी कर ली जानी चाहिए, जिससे सभी पीड़ित पक्ष समय से आपत्तियां दर्ज करवा सके व जरूरत पड़ने पर समय रहते वे अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख सके.

उल्लेखनीय है कि पुनर्सीमांकन को लेकर उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर की गई थी. इन याचिकाएं समरहिल वॉर्ड और नाभा वार्ड के सीमांकन से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा एक याचिका समरहिल वॉर्ड रोस्टर रिजर्वेशन रोस्टर को लेकर भी एक अदालत में दायर की गई थी. रोस्टर से जुड़ी इस याचिका में समरहिल वॉर्ड को महिलाओं के लिए रिजर्व करने पर आपत्ति दर्ज करवाई गई थी. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुनर्सीमांकन की याचिका को स्वीकार करते हुए वार्ड नंबर 5 समरहिल और वार्ड नंबर 11 नाभा में किए गए पुनर्सीमांकन पर पुनर्विचार करने के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा रोस्टर को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सिर्फ वार्ड नंबर 5 और वार्ड नंबर 11 के पुनर्सीमांकन पर विचार करने के आदेश जारी किए हैं. अन्य वार्डों में सरकार की ओर से किए गए पुनर्सीमांकन की स्थिति यथावत बनी रहेगी.

इस से पूर्व 24 फरवरी को शिमला के डीसी ने पुनर्सीमांकन के निर्देश जारी किए थे. इसके बाद मामले में कुल 4 याचिकाएं दायर की गई थी. कुल चार याचिकाओं में पुनर्सीमांकन से जुड़ी तीन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए संबंधित याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों को सुनने के निर्देश दिए गए हैं.

कमिश्नर रूल लगना तय: उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने हाल ही में नगर निगम शिमला का पुनर्सीमांकन कर कुल 41 वार्ड बनाने की अधिसूचना जारी की थी. साथ ही इन वार्डों में चुनाव से जुड़े आरक्षण रोस्टर की अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी. अब हाईकोर्ट के फ़ैसले से चुनाव में देरी होगी. तय समय पर चुनाव न होने से शिमला में कमिश्नर रूल लगना तय है. गौरतलब है कि नगर निगम का कार्यकाल खत्म होने के बाद तय वक्त पर चुनाव ना होने पर कमिश्नर रूल लगेगा.

ये भी पढ़ें :Municipal Corporation Shimla के पुनर्सीमांकन और चुनाव मामले पर High Court शुक्रवार को सुनाएगा फैसला

Last Updated : Jun 3, 2022, 12:30 PM IST
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