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कानूनगो की सीनियोरिटी लिस्ट फिर से तैयार करे विभाग, हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश

जिला मंडी के राजस्व विभाग (Revenue Department of Mandi district) को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने सभी कानूनगो की सीनियोरिटी लिस्ट फिर से तैयार करने के आदेश जारी किए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
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Published : Aug 11, 2022, 1:58 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने जिला मंडी के राजस्व विभाग (Revenue Department of Mandi district) के सभी कानूनगो की सीनियोरिटी लिस्ट फिर से तैयार करने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने इस मामले में याचिका कर्ता ओम प्रकाश, अमर सिंह व ओम चंद की याचिका को मंजूर करते हुए प्रार्थियों को फिर से निर्धारित की गई वरिष्ठता सूची से मिलने वाले सभी सेवा लाभ देने के आदेश भी (HP High Court orders To Revenue Department Mandi) दिए. इन सेवा लाभों में प्रमोशन व अन्य आर्थिक लाभ शामिल होंगे.

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि नई सीनियोरिटी लिस्ट कानूनगो की प्रारम्भिक नियुक्ति से बनाई जाए न कि कानूनगो ट्रेनिंग और विभागीय परीक्षा पास करने की तिथि से. मामले के अनुसार प्रार्थियों की नियुक्ति 31 जनवरी 1987 को जिला मंडी में बतौर कानूनगो हुई थी. इसके बाद इन्होंने वर्ष 1991 में ट्रेनिंग व विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण की. फिर उन्हें 8 अक्टूबर 1991 से वरिष्ठता सूची में स्थान दिया गया. इसी तरह 30 जून 2000 को जारी अंतिम वरिष्ठता सूची में उनकी नियुक्ति की तारीख 8 अक्टूबर 1991 दर्शाई गई.

इसके खिलाफ प्रार्थियों ने जिलाधीश मंडी को प्रतिवेदन दिया लेकिन डीसी मंडी ने उनका प्रतिवेदन अस्वीकार कर दिया. इस दौरान जिला शिमला के कानूनगो की वरिष्ठता सूची से जुड़ा फैसला हाईकोर्ट से आया. उस फैसले में जिला शिमला के कानूनगो को प्रारंभिक नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता सूची में शामिल करने के आदेश दिए गए. प्रार्थियों ने जिला मंडी के कानूनगो को भी जिला शिमला के कानूनगो की तर्ज पर वरिष्ठता देने की गुहार लगाई.

जिलाधीश मंडी ने जिला शिमला के कानूनगो की वरिष्ठता के बारे में आए फैसले को जिला मंडी के लिए मान्य नहीं माना. यही नहीं, डीसी मंडी ने प्रार्थियों का प्रतिवेदन 14 दिसंबर 2009 व 6 जनवरी 2010 को अस्वीकार कर दिया. मजबूरन प्रार्थियों को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. हाईकोर्ट ने डीसी मंडी के इन आदेशों को खारिज करते हुए कहा कि जिला मंडी के कानूनगो और जिला शिमला सहित अन्य जिलों के कानूनगो के सेवा नियम एक ही है, इसलिए जिला मंडी के कानूनगो की वरिष्ठता सूची भी प्रारंभिक नियुक्ति की तिथि से तैयार करना न्यायोचित होगा.

ये भी पढ़ें शिमला नगर निगम परिधि में हरे पेड़ों के कटान की सभी अनुमतियों पर हाईकोर्ट की रोक

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने जिला मंडी के राजस्व विभाग (Revenue Department of Mandi district) के सभी कानूनगो की सीनियोरिटी लिस्ट फिर से तैयार करने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने इस मामले में याचिका कर्ता ओम प्रकाश, अमर सिंह व ओम चंद की याचिका को मंजूर करते हुए प्रार्थियों को फिर से निर्धारित की गई वरिष्ठता सूची से मिलने वाले सभी सेवा लाभ देने के आदेश भी (HP High Court orders To Revenue Department Mandi) दिए. इन सेवा लाभों में प्रमोशन व अन्य आर्थिक लाभ शामिल होंगे.

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि नई सीनियोरिटी लिस्ट कानूनगो की प्रारम्भिक नियुक्ति से बनाई जाए न कि कानूनगो ट्रेनिंग और विभागीय परीक्षा पास करने की तिथि से. मामले के अनुसार प्रार्थियों की नियुक्ति 31 जनवरी 1987 को जिला मंडी में बतौर कानूनगो हुई थी. इसके बाद इन्होंने वर्ष 1991 में ट्रेनिंग व विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण की. फिर उन्हें 8 अक्टूबर 1991 से वरिष्ठता सूची में स्थान दिया गया. इसी तरह 30 जून 2000 को जारी अंतिम वरिष्ठता सूची में उनकी नियुक्ति की तारीख 8 अक्टूबर 1991 दर्शाई गई.

इसके खिलाफ प्रार्थियों ने जिलाधीश मंडी को प्रतिवेदन दिया लेकिन डीसी मंडी ने उनका प्रतिवेदन अस्वीकार कर दिया. इस दौरान जिला शिमला के कानूनगो की वरिष्ठता सूची से जुड़ा फैसला हाईकोर्ट से आया. उस फैसले में जिला शिमला के कानूनगो को प्रारंभिक नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता सूची में शामिल करने के आदेश दिए गए. प्रार्थियों ने जिला मंडी के कानूनगो को भी जिला शिमला के कानूनगो की तर्ज पर वरिष्ठता देने की गुहार लगाई.

जिलाधीश मंडी ने जिला शिमला के कानूनगो की वरिष्ठता के बारे में आए फैसले को जिला मंडी के लिए मान्य नहीं माना. यही नहीं, डीसी मंडी ने प्रार्थियों का प्रतिवेदन 14 दिसंबर 2009 व 6 जनवरी 2010 को अस्वीकार कर दिया. मजबूरन प्रार्थियों को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. हाईकोर्ट ने डीसी मंडी के इन आदेशों को खारिज करते हुए कहा कि जिला मंडी के कानूनगो और जिला शिमला सहित अन्य जिलों के कानूनगो के सेवा नियम एक ही है, इसलिए जिला मंडी के कानूनगो की वरिष्ठता सूची भी प्रारंभिक नियुक्ति की तिथि से तैयार करना न्यायोचित होगा.

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