शिमला: हिमाचल हाइकोर्ट (Himachal High Court) ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) को उन कर्मियों का ब्यौरा पेश करने के आदेश दिए हैं, जिन्हें आउटसोर्स के आधार पर लगाया गया है. न्यायालय ने बालकृष्ण द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय से यह भी जानकारी मांगी कि ऐसी कितनी नियुक्तियां हैं, जिनके लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है. मामले पर सुनवाई 15 सितंबर 2022 को निर्धारित की गई है.
हाइकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में यह आरोप लगाया (High Court on outsourced personnel of HPU) गया है कि विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरने की बजाए आउटसोर्स के आधार पर भरा जा रहा है. प्रार्थी ने यह भी आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय में पिछले दरवाजे से भर्तियां की जा रही हैं. प्रार्थी ने प्रदेश विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरने की गुहार लगाई है.
प्रार्थी ने अपील की है कि विश्वविद्यालय और आउटसोर्स एजेंसियों के बीच हुए एमओयू को रद्द किया जाए. प्रार्थी ने इस मामले में कोर्ट से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी.
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