शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में विवेकानंद ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा ‘यूथ की बात’ ई-डायलाॅग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र-निर्माण में युवाओं की भूमिका केंद्रीय स्थान पर होती है. जो देश सही दिशा में अपने युवाओं का उपयोग करते हैं, वे अधिक विकसित होते हैं.
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण तीन प्रमुख तत्व हैं जो एक राष्ट्र की प्रगति की दिशा में योगदान देते हैं. उन्होंने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है, यहां की 62.5 प्रतिशत जनसंख्या 15-59 वर्ष की आयु वर्ग में है जो वर्ष 2036 तक 65 प्रतिशत हो जाएगी. वर्ष 2020 तक चीन और अमेरिका में औसत आयु 37 वर्ष, पश्चिमी यूरोप में 45 वर्ष और जापान में 49 वर्ष होगी जबकि भारत में औसत आयु सिर्फ 28 वर्ष होगी.
उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय लाभांश का राष्ट्र निर्माण में पूरी तरह से तभी सार्थक उपयोग कर सकते हैं. जब भारत अपनी जनसंख्या को सार्वभौमिक गुणवत्ता और तकनीकी कौशल की शिक्षा देने में और विश्व की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास करने में सक्षम होगा. यह वह समय है जब सार्वभौमिक छवि के साथ एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्धता की जरूरत है और यह तभी संभव है जब इसमें युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए.
2014 में एक नई राष्ट्रीय युवा नीति को वैश्वीकरण और सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी क्रांति की विश्वव्यापी परिस्थितियों के तहत अपनाया गया था. राष्ट्रीय युवा नीति-2014 के अनुसार युवाओं को उनकी पूर्ण क्षमता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना और उनके माध्यम से भारत को राष्ट्रों के समुदाय में अपना सही स्थान खोजने में सक्षम बनाना है.
भारत सरकार का मानना है कि युवाओं को ‘एक्टिव ड्राईवर’ होना चाहिए, न कि केवल विकास के ‘पैसिव रेसिपियंट’. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इस दिशा मेें कारगर सिद्ध होगी. इससे पूर्व यूथ ऑफ इंण्डिया फाउंडेशन के संस्थापक शैलेश सिंघल ने राज्यपाल का स्वागत किया. विवेकानंद ग्लोबल फाउंडेशन के संस्थापक शंकर ने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया.