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जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों में गुणवत्ता के निर्देश, जल एवं स्वच्छता मिशन की हुई बैठक

मंगलवार को मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में हुई जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक में जल जीवन मिशन की 1700 करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन की 246 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना अनुमोदित की गई है. इस जल जीवन मिशन और स्वास्थ्य मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों में गुणवत्ता के निर्देश दिए गए.

himachal Water and Sanitation Mission
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Published : Apr 29, 2020, 12:36 AM IST

शिमलाः राजधानी शिमला में मंगलवार को राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक का आयोजन किया गया. मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जल जीवन मिशन की 1700 करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन की 246 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना अनुमोदित की गई.

इस दौरान मुख्य सचिव ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्यों की लागत कम करने के लिए जरूरी कदम समय पर उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि बहाव जल परियोजनाएं तैयार करने को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि वन विभाग द्वारा जल शक्ति विभाग के साथ मिलकर पहाड़ी क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए विशेष ढांचे तैयार किए जाएंगे और इनसे गांवों में खेतों की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध करवाया जाएगा. इससे उठाऊ पेयजल योजनाओं के लिए खर्च को बचाया जा सकेगा. इसके अलावा बैठक में आईटी आधारित एप्लीकेशन का सभी कार्यों में उपयोग करने के निर्देश दिए गए.

अनिल खाची ने निर्देश दिए गए कि प्रदेश स्तर पर ऐसी नियंत्रण प्रणाली की व्यवस्था की जाए, जिसमें डैशबोर्ड के माध्यम से राज्य की पेयजल योजनाओं द्वारा की गई वाटर पंपिंग के डाटा की निगरानी की जा सके. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अधिक जनसंख्या वाले ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक का उपयोग सुनिश्चित करते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएं.

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश कोविड-19 SDR फंड में अब तक 27,31,19,009 रुपये एकत्रित

शिमलाः राजधानी शिमला में मंगलवार को राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक का आयोजन किया गया. मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जल जीवन मिशन की 1700 करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन की 246 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना अनुमोदित की गई.

इस दौरान मुख्य सचिव ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्यों की लागत कम करने के लिए जरूरी कदम समय पर उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि बहाव जल परियोजनाएं तैयार करने को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि वन विभाग द्वारा जल शक्ति विभाग के साथ मिलकर पहाड़ी क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए विशेष ढांचे तैयार किए जाएंगे और इनसे गांवों में खेतों की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध करवाया जाएगा. इससे उठाऊ पेयजल योजनाओं के लिए खर्च को बचाया जा सकेगा. इसके अलावा बैठक में आईटी आधारित एप्लीकेशन का सभी कार्यों में उपयोग करने के निर्देश दिए गए.

अनिल खाची ने निर्देश दिए गए कि प्रदेश स्तर पर ऐसी नियंत्रण प्रणाली की व्यवस्था की जाए, जिसमें डैशबोर्ड के माध्यम से राज्य की पेयजल योजनाओं द्वारा की गई वाटर पंपिंग के डाटा की निगरानी की जा सके. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अधिक जनसंख्या वाले ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक का उपयोग सुनिश्चित करते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएं.

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