शिमला : हाईकोर्ट ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी के स्कूल भवन, खेल के मैदान इत्यादि को बर्बाद करने का आरोप लगाने वाली याचिका में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (शिक्षा), उपायुक्त मंडी और उपनिदेशक (उच्च शिक्षा) मंडी को नोटिस जारी किया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र विजय कुमार द्वारा मुख्य न्यायाधीश को संबोधित एक पत्र पर जनहित याचिका के रूप में न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किए.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने ही स्कूल भवन, खेल के मैदान और मंच आदि को भौतिक रूप से नष्ट कर दिया और खाली जगह को भी ढक दिया गया. जिससे स्कूल में अफरा तफरी का माहौल है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वहां बड़े शॉपिंग मॉल बनाने का प्रस्ताव है, जिससे कुछ अमीर लोगों और राजनीतिक नेताओं को फायदा होगा. उन्होंने आरोप लगाया है कि एक निजी स्कूल खोलने के लिए खेल का मैदान होना अनिवार्य बनाया गया है, जबकि उक्त स्कूल में सरकार ने खुद ही खेल के मैदान को बर्बाद कर दिया.
सरकार के डर से स्थानीय निवासी, मीडिया और सामाजिक संगठन सामने नहीं आ रहे हैं. भवन में पहले एक प्राथमिक सरकारी स्कूल था, जिसे कुछ साल पहले बंद कर दिया गया था और अब सरकार अवैध रूप से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को भी बंद करने की साजिश रच रही है, ताकि अमीर और प्रभावशाली व्यक्तियों को समायोजित किया जा सके. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि गरीब, अनाथ और प्रवासी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं और अधिकारियों द्वारा छात्रों का परिणाम खराब करने की धमकी देकर मानसिक रूप से दबाव डाला जा रहा और उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे. उन्होंने आरोप लगाया है कि अगर मामले में कार्रवाई कर तत्काल राहत नहीं दी गई तो स्कूल को बचाने के लिए कोई छात्र आत्मदाह कर सकता है. उसने यह भी बताया कि न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने भी उक्त स्कूल में पढ़ाई की है. कोर्ट ने प्रतिवादियों को अगली तारीख से पहले अपने जवाब देने का निर्देश दिया. मामले पर सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
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