शिमला: हिमाचल में कोरोना मामलों में अचानक वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दो दिनों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के आदेश जारी किए हैं. मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 को रोकने बाबत उठाए कदमों से कोर्ट को अवगत कराने को कहा है.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाने के बाद कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है एवं आजकल प्रतिदिन 700 से अधिक मामले आ रहे हैं. शिमला में प्रतिबंधों में ढील और शोघी से प्रतिबन्ध उठाने से कोविड-19 मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है एवं अंकुश हटने के बाद बड़ी संख्या में लोग महामारी फैलाते हुए शिमला शहर का दौरा कर रहे हैं.
5 सितंबर के बाद मामलों में अचानक वृद्धि हो गई. 1,064 में से 780 मामले इस दौरान ही सामने आए. पहला कोरोना का मामला 24 मई को आया था और प्रतिबंधों के हटने के बाद तीन से पांच की औसत से प्रति दिन मामलों का औसत बढ़कर 34 हो गया है. नवंबर माह में इन मामलों में शीघ्र गति से बढ़ोतरी हो रही है. नियंत्रण क्षेत्र से आने वाले लोगों की कोई जांच नही हो रही है.
शिमला और अन्य पर्यटक रिसॉर्ट्स में आने वाले लोगों के लिए मुफ्त आवाजाही और कोविड के जल्दी से फैलने का डर स्थानीय लोगों को चिंतित कर रहा है. हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल राज्य में पर्यटकों के आने से बीमारी का खतरा अत्यधिक बढ़ गया है. विभिन्न राज्यों के पर्यटको का आगमन सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी के चलते इन राज्यों पर भारी पड़ रहा है. मामले पर सुनवाई अब 13 नवंबर को होगी.