शिमला: हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म ने सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. दरअसल इस संस्थान से 2017 में पास आउट हुए छात्र आज भी अपने अंतिम सेमेस्टर के परिणाम और अपनी डिग्री के लिए भटकने को मजबूर है.
2017 में कोर्स पूरा हो गया था, लेकिन अभी तक छात्रों को डिग्री संस्थान से नहीं मिल पाई है, जिससे छात्रों को जॉब में दिक्कतें आ रही हैं. आलम ये है कि छात्रों के पास सर्टिफिकेट या डिग्री ना होने से उनको नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है, जबकि कुछ छात्रों को नौकरी ही नहीं मिल पा रही है.
बता दें कि छात्र 2017 से अभी तक अपने अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट भी नहीं जान पाए हैं और ना ही उन्हें संस्थान से कोर्स पूरा होने के एवज में डिग्री, मार्कशीट या सर्टिफिकेट दिया गया है. हालांकि प्लेसमेंट इन छात्रों को संस्थान की ओर से कोर्स पूरा करने से पहले दे दिया गया था, लेकिन कोर्स करने का कोई प्रूफ ही छात्रों के पास नहीं है. जिसके चलते अब छात्रों की नौकरियां भी जा रही हैं.
सरकारी नौकरी के अवसर भी छात्रों से इस वजह से छीन रहे हैं. छात्रों की परेशानी ये है कि जिस डिग्री को करने के लिए उन्होंने तीन लाख रुपये की फीस दी है उसकी डिग्री ही उनके पास नहीं है. वहीं संस्थान के प्रबंधकों का रवैया भी छात्रों की इस परेशानी को लेकर नकारात्मक है, क्योंकि प्रबंधन द्वारा छात्रों को धमकाने का काम किया जा रहा है.
हेरीटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म के कुछ छात्र आज प्रशासन से जवाब लेने के लिए संस्थान भी पहुंचे थे, लेकिन संस्थान में प्रबंधन की ओर से उनकी परेशानी का समाधान नहीं किया गया और छात्रों को निराश होकर लौटना पड़ा है. इस संस्थान में 2014 में जिस ग्रुप को प्रवेश दिया गया था उन्हें 2017 में कोर्स पूरा होने के बाद भी डिग्री व मार्कशीट संस्थान की ओर से नहीं दी गई है.
छात्रों का कहना है कि उन्होंने बेहतर रोजगार पाने के लिए हेरिटेज इंस्टीट्यूट और होटल एंड टूरिज्म से तीन लाख रुपये की फीस देकर कोर्स किया है, लेकिन अभी तक संस्थान की तरफ से उन्हें सर्टिफिकेट या डिग्री नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि पहले तीन साल तक संस्थान द्वारा डिग्री का इंतजार करने की बात कही जा रही थी, लेकिन अब संस्थान ने पल्ला झाड़ लिया है.
छात्रों ने बताया कि सर्टिफिकेट या डिग्री न होने से वो किसी भी नौकरी में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं और जो भी नौकरी कर रहे हैं, उनको प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन्होंने शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से मांग की है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करें और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित कर संस्थान के फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाए.
हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट संस्थान को होटल मैनेजमेंट का कोर्स करवाने के लिए मान्यता मदुरई कामराज यूनिवर्सिटी से प्राप्त थी, लेकिन इस यूनिवर्सिटी ने 2017 में संस्थान से अपनी मान्यता वापस ले ली थी.
ऐसे में ये भी एक वजह मानी जा रही है कि जब यूनिवर्सिटी ने अपनी मान्यता ही वापस ले ली तो डिग्रियां छात्रों को कैसे प्रदान की जा सकती थी. ऐसे में संस्थान ने छात्रों को गुमराह किया और नए बैच संस्थान में बैठाए, जिससे छात्रों से करोड़ों रुपये लिए, लेकिन छात्रों को उनके रिजल्ट व डिग्रियां ना देकर उनके भविष्य को अंधकार में डाल दिया है. हालांकि अभी संस्थान ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से मान्यता ले ली है.
ये भी पढ़ें: कुल्लू में ग्रेड-पे में कटौती के विरोध में उतरे डॉक्टर्स, काले बिल्ले लगाकर जताया रोष