शिमला: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (igmc hospital shimla) में अब हेपेटाइटिस बी और सी के टेस्ट इमरजेंसी लैब में 24 घंटे निशुल्क (hepatitis test free in igmc) होंगे. अगले सप्ताह से दोनों टेस्ट सुविधा इमरजेंसी लैब में शुरू हो जाएंगे. अब मरीजों को निजी लैब के चक्कर काटने से छुटकारा मिल जाएगा. हालांकि अभी यह टेस्ट आईजीएमसी की सरकारी लैब में भी हो रहे थे, मगर वहां पर मरीजों को इसके लिए पैसे चुकाने पड़ते थे. यह टेस्ट 200 से लेकर 4000 रुपये तक होते थे. प्राइवेट लैब में इसके लिए आठ हजार रुपये तक वसूले जा रहे थे. मौजूदा समय में आईजीएमसी में हेपेटाइटिस-बी और सी के करीब 250 मरीज इलाज करवा रहे हैं.
संक्रमित सुई या असुरक्षित यौन संबंधों से फैलता है हेपाटाइटिस-बी: हेपेटाइटिस-बी वायरस (hepatitis B virus) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में या तो संक्रमित सूई या फिर असुरक्षित यौन संबंधों की वजह से फैल सकता है. यह वायरस ऐसा है कि इसे पूरी तरह से शरीर से खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन दवाइयों के जरिए जरूर इसे कंट्रोल में किया जा सकता है. हेपेटाइटिस-बी बड़ी ही शांति के साथ अटैक करता है और व्यक्ति को इसके बारे में पता भी नहीं चलता. यही वजह है कि अनजाने में ही यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है.
हेपेटाइटिस-बी के लक्षण (symptoms of hepatitis b): हेपेटाइटिस-बी के लक्षण जोड़ों में दर्द, पेट में दर्द, उल्टी और कमजोरी का अहसास होता है. हमेशा थकान का लगना. स्किन का रंग पीला हो जाता है और आंखों का सफेद हिस्सा भी पीला पड़ जाता है. बुखार आ जाता है और यूरिन का रंग भी गाढ़ा हो जाता है. भूख का लगना कम हो जाता है. अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो 24 घंटे के अंदर डॉक्टर से संपर्क करें. त्वरित तौर पर दी गई ट्रीटमेंट हेपेटाइटिस-बी से बचाव कर सकती है. किसी और के साथ सूई, रेजर, टूथब्रश वगैरह शेयर न करें, जिनमें इंफेक्शन वाला ब्लड हो सकता है.
क्या होता है हेपेटाइटिस-सी (symptoms of hepatitis c): हेपेटाइटिस-सी रक्त संक्रमण से होने वाली बीमारी है. देश के जिन हिस्सों में यह बीमारी फैली हुई है, वहां उसकी मुख्य वजह असुरक्षित इंजेक्शन, बिना जांच के ब्लड ट्रांसफ्यूजन करना, सर्जरी के दौरान सुरक्षा का ख्याल नहीं रखने और नशाखोरों एवं डायबिटीज रोगियों द्वारा मादक पदार्थ लेने के लिए अनस्टरलाइज्ड सुइयों का इस्तेमाल करना है. डिस्पोजेबल सुइयों का बार-बार इस्तेमाल करने पर स्थिति को बेहद गंभीर बन सकती है. टूथब्रश और रेजर जैसी निजी वस्तुओं को संक्रमित व्यक्ति के साथ साझा करने से भी यह बीमारी फैलती है और असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी ऐसा हो सकता है. बॉडी पियर्स कराने और टैटू बनवाने से भी इस संक्रमण को बढ़ावा मिलता है. समस्या है कि हेपेटाइटिस-सी के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और इसके लक्षण तभी दिखते हैं, जब बीमारी बेहद गंभीर स्टेज पर पहुंच जाती है.
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