शिमला: बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में दोषी की सजा पर सुनवाई एक बार फिर टल गई है. कोरोना कर्फ्यू के चलते सुनवाई 8 जून तक टल गई है. तीन जून को आरोपी की सजा पर फैसला होना था, लेकिन इस बार भी सुनवाई टल गई है. इससे पहले भी तीन बार सजा पर फैसला टल चुका है.
8 जून तक टली सुनवाई
गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में सीबीआई की ओर से पेश चालान में दोषी साबित हुए चरानी अनिल उर्फ नीलू को शिमला की विशेष अदालत ने 28 अप्रैल को दोषी करार दिया था. जिस पर दोषी को सजा तय होनी थी, लेकिन करोना कर्फ्यू की बंदिशों के चलते आरोपी को न्यायालय लाना मुश्किल है. जिस कारण आज फिर से इस मामले की सुनवाई 8 जून तक टल गई है.
घटना की टाइमलाइन
- 4 जुलाई 2017- कोटखाई के हलाईला क्षेत्र से दसवीं की छात्रा गुड़िया लापता.
- 5 जुलाई- रिश्तेदारों ने बिटिया की तलाश शुरू की.
- 6 जुलाई- ऊपरी शिमला के जंगल में मिला शव, पुलिस ने की जांच आरंभ.
- 7 जुलाई- पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई.
- 10 जुलाई- जन आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने एसआइटी गठित की, आईजी जहूर जैदी को सौंपा जांच का जिम्मा.
- 11 जुलाई- चार युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा.
- 18 जुलाई- आधी रात को पुलिस हिरासत में एक कथित आरोपित की हत्या.
- 19 जुलाई- हाईकोर्ट ने सीबीआई को दी जांच.
- 22 जुलाई- सीबीआई ने दिल्ली में किए दो अलग-अलग मामले दर्ज.
- 29 अगस्त- आईजी सहित आठ पुलिसकर्मी गिरफ्तार.
- 16 नवंबर- पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.
- 25 नवंबर- सीबीआई ने की एसआईटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल.
- 25 अप्रैल 2018- सीबीआई ने कोर्ट में फाइनल स्टेट्स रिपोर्ट पेश की.
- 5 अप्रैल 2019- आईजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत.
- 18 अप्रैल 2019- पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को हाईकोर्ट से मिली जमानत
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