शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज से करीब 28 डॉक्टरों को चंबा मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन नहीं करना महंगा पड़ सकता है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा है कि इसकी जांच की जाएगी. बता दें कि प्रदेश में इस तरह की समस्या लंबे समय से चली आ रही है. बडे़ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर छोटी जगहों पर जाना पसंद नहीं करते. जांच की बात सैजल ने रिज मैदान पर आयोजित ईट राइट स्कूल पहल कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही.
मंत्री सैजल ने कहा कि ईट राइट स्कूल पहल के अंतर्गत बच्चों को स्वस्थ व सुरक्षित खाना उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश के 2 हजार 912 स्कूलों का पंजीकरण किया गया. सैजल ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण और स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय ईट राइट मेले के उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि ईट राइट कैंपस पहल के तहत सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत लोगों को सुरक्षित भोजन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में अब तक 11 संस्थानों को पंजीकृत किया गया.
वहीं, हाइजीन रेटिंग इनिशिएटिव के तहत प्रदेश के 63 रेस्टोरेंट एवं होटल हाइजीन रेटिंग सर्टिफाइड हो चुके. उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा संपूर्ण भारत वर्ष के 75 शहरों में यह राष्ट्रव्यापी वॉकाथन एवं मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें एक कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश की राजधानी शिमला में शुरू किया गया.
स्वच्छ भोजन, व्यायाम एवं स्वस्थ जीवन शैली हर व्यक्ति के लिए अति आवश्यक है. मेले के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा खाद्य सामग्रियों से संबंधित स्टॉल भी लगाए गए और मेले का मुख्य उद्देश्य ईट राइट इंडिया के संदेशों को मुख्यधारा में लाया जा सके. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट फूड फेस्टिवल का इन्फोटेनमेंट मॉडल है, जो लोगों की सही भोजन विकल्प बनाने में सक्षम बनाता है. खाद्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग द्वारा कार्यक्रम को हिमाचल में बेहतरीन तरीके से लागू किया जा रहा है.
इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया और वॉकाथन में भाग ले रहे प्रतिभागियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण निदेशक उत्तरी क्षेत्र राजेश सिंह, सहायक निदेशक डॉ. विनोद कुमार, निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग सुमित खिमटा, मुखय चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेखा चोपड़ा एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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