शिमला: हिमाचल के खजाने के लिए एक राहत की खबर है. मई महीने में जीएसटी कलेक्शन 390 करोड़ रुपए दर्ज की गई है. हिमाचल सरकार के एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती 2 महीनों में राज्य में जीएसटी संग्रह में 49 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में विभाग ने 25 प्रतिशत की सालाना वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया है. उल्लेखनीय है कि अप्रैल महीने में इस वित्त वर्ष में अब तक की जीएसटी की सबसे अधिक कलेक्शन दर्ज की गई थी. अप्रैल में यह कलेक्शन 497 करोड़ रुपए रही थी. इससे पूर्व यह 426 करोड़ रुपए थी. वित्त वर्ष 202-22 में विभाग ने कुल 4481 करोड़ों रुपए जीएसटी इकट्ठा किया था जो लक्ष्य से 248 करोड़ रुपए अधिक था.
विभाग के अनुसार यह वृद्धि करदाताओं में कर अदायगी सम्बन्धी (GST Collection in Himachal) अनुपालना में सुधार तथा विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रशासनिक एवं नीतिगत प्रयासों तथा प्रवर्तन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण से सम्भव हो पाई है. इस वृद्धि का दूसरा मुख्य कारण पिछले वित्त वर्ष की अन्तिम तिमाही में जीएसटी रिटर्न सम्बन्धी दी गई छूट है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न आर्थिक विषमताओं के कारण दी गई छूट से जीएसटी संग्रहण में विगत वर्ष की तुलना में यह कमी दर्ज की गई थी.
विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 25 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. रिटर्न फाइलिंग में लगातार सुधार, तेज रिटर्न की जांच, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करना और मजबूत प्रवर्तन विभाग के लिए लक्षित क्षेत्र बने हुए हैं. विभाग ने पिछले वर्ष अपने रोड चैकिंग अभियान में किए गए करीब ढाई लाख ई-वे बिल के सत्यापन में और सुधार का लक्ष्य रखा है. विभाग समय सीमा के साथ स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और टैक्स हाट कार्यक्रम के तहत हितधारकों के मुद्दों का निवारण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कर अधिकारियों के निरंतर क्षमता निर्माण के लिए हाल ही में जीएसटी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की है. राज्य मंत्रिमण्डल द्वारा राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विभागीय पुनर्गठन को भी सैद्धान्तिक मंजूरी प्रदान की गई है.