शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने रविवार को राज भवन में बागवानी तथा वानिकी महाविद्यालय, नेरी, हमीरपुर के फल विज्ञान विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के तहत शीतोष्ण फलों की कृषि तथा बागवानी से सम्बन्धित अद्यतन तकनीकी जानकारी पर आधारित तीन पुस्तकों का विमोचन किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तकें देश के अन्य भागों तथा प्रदेश में शीतोष्ण फलों की खेती (Fruit farming in Himachal) कर रहे किसानों को व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने में सहायक होंगी.
इसके अतिरिक्त यह पुस्तकें बागवानी से सम्बन्धित विषय पर शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए भी लाभकारी होंगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जलवायु विभिन्न फल पौधों की खेती के लिए अनुकूल है तथा यहां उपोष्ण-कटिबंधीय से लेकर विशेष शीतोष्ण जलवायु पाई जाती है, जो बागवानी के बृहद आधार को प्रदर्शित करती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बागवानी को मुख्य आजीविका के तौर पर अपनाया गया है, जो खाद्य सुरक्षा तथा संतुलित आहार के लिए महत्वपूर्ण है. इन पुस्तकों में प्रदान की गई जानकारी इन फलों के उत्पादन में वृद्धि कर किसानों की आय बढ़ाएंगी.
प्रथम पुस्तक गुआवा फार्मिंग इन हिली एरियाज डॉ. सोम देव शर्मा, डॉ. विकास कुमार शर्मा, डॉ. केके श्रीवास्तव तथा डॉ. शैलेन्द्र कुमार यादव द्वारा लिखी गई है. द्वितीय पुस्तक लीची फार्मिंग इन हिली एरियाज डॉ. सोम देव शर्मा तथा डॉ. विकास कुमार शर्मा द्वारा लिखी गई है. तीसरी पुस्तक आत्मनिर्भर इन एग्रीकल्चर-ग्राम स्वावलम्बन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट डॉ. सोम देव शर्मा, डॉ. विकास कुमार शर्मा तथा डॉ. आशुतोष द्वारा लिखी गई है.
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