शिमला: राजधानी शिमला में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शिमला में एक निजी होटल ने अनूठी पहल की शुरुआत की है. कचरे में पड़ी वेस्ट बोतलों के ढक्कन से एक पूरी दीवार बनाई गई है, जिसमें हिमाचली संस्कृति को उकेरा गया है. कामथ ग्रुप ऑफ होटेल ने दावा किया है कि शिमला में उनके होटल ऑरचिड में वेस्ट ढक्कनों से बनी ये दीवार एशिया की अपनी तरह की सबसे बड़ी दीवार है.
इस दीवार में हिमाचल की संस्कृति का चित्रण किया गया है. यह दीवार 285 फीट लम्बी और 20 फीट ऊंची है. इस दीवार का अनावरण गुरुवार को शिमला में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण भारतीय संस्कृति में मूलभूत संस्कारों में है और हम भारतीय पेड़-पौधों और प्रकृति की पूजा करते हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रकार के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों से लोगों में जागरूकता पैदा होती है और हमें प्रकृति के संरक्षण में ऐसे प्रयासों को बल देना चाहिए.
होटल ग्रूप के चेयरमैन डॉ. विथल वेंकटेश कामथ ने कहा कि ये दीवार रिसाइकल द्वारा निर्मित एशिया की सबसे बड़ी दीवार है. इसे बनाने में करीब चार महीने लगे हैं. उन्होंने बताया कि इस कार्य में होटल के स्टाफ के अलावा शहर के आम लोगों और स्कूली बच्चों ने सहयोग किया है और वेस्ट कलेक्शन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया जिससे युवा वर्ग में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ती है.
उन्होंने बताया कि कामथ ग्रूप के होटलों में न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जाता है, बल्कि वेस्ट चीजों के दोबारा इस्तेमाल को लेकर भी हमेशा विभिन्न कार्यक्रम किए जाते हैं, जिससे न सिर्फ वेस्ट बोतलों, डिब्बो, प्लास्टिक पैकेट जैसी चीजों को इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार भी उपलब्ध किया जाता है.
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