शिमला: ठियोग के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संधू (Government Senior Secondary School Sandhu) में आयोजित अंडर 18 छात्रा प्रतियोगिता का समापन मंगलवार को धुमधाम से किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने शिरकत की. विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र खशिया ने विद्यालय की टीम के साथ मिलकर मुख्यातिथि का स्वागत किया. पिछले चार दिनों से चली आ रही इस खेलकूद प्रतियोगिता में ठियोग जोन की 24 विद्यालयों की 330 छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.
इन खेलों में ओवरऑल का खिताब छात्रा विद्यालय ठियोग के नाम रहा. जबकि हिमालयन पब्लिक स्कूल डिक्लेमेशन में प्रथम, सोलो सांग में छात्रा विद्यालय ठियोग, ग्रुप सांग में छात्रा विद्यालय ठियोग वन एक्ट प्ले में मॉडर्न पब्लिक स्कूल फागू, ग्रुप इंटिमेंट में मॉडर्न पब्लिक स्कूल फागू, मार्च पास में छात्रा विद्यालय ठियोग, वॉलीबॉल में सरोग, कब्बडी में छात्रा विद्यालय ठियोग, खोखो में ठियोग बैडमिंटन में महोग व योग में भी छात्रा विद्यालय ठियोग की छात्राओं ने बाजी मारते हुए ओवर आल का खिताब अपने नाम किया.
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विद्यालय परागण के साथ ही स्वर्णिम वाटिका का उद्घाटन (Golden Vatika inaugurated in sandhu) भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है. इसमें न सिर्फ बच्चों को बल्कि हर इंसान को हिस्सा लेना चाहिए. हालांकि उनके स्वागत के लिए पारंपरिक ठोडा दलों ने अपनी प्रस्तुति दी. कार्यक्रम के अंत में पहाड़ी संस्कृति को जिंदा रखने के संदेश देने वाले राजेन्द्र वर्मा ने राजपाल के समक्ष पहाड़ी मुजरा पेश कर खूब वाहवाही लूटी.
वहीं, संधू स्कूल के प्रधानाचार्य राजेंद्र खशिया (Rajendra Khashia Principal of Sandhu School) ने बताया कि 2 साल के बाद स्कूलों में खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जिसमें छात्राओं ने बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं. उन्होंने कहा कि बड़े गर्व की बात है की स्कूल में प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आकर बच्चों को आशीर्वाद दिया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यंहा पर वृन्दावन वाटिका का निर्माण किया जायेगा, जिसका शिलान्यास राज्यपाल महोदय ने किया है. यंहा पर अब पार्क, हर्बल गार्डन ओर जड़ी बूटियों का संरक्षण किया जाएगा. जिससे आने वाली पीढ़ी पर्यावरण और हमारी धरोहरों को बचा सके.