शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भारत सरकार से रेणुकाजी बांध परियोजना में निवेश स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आग्रह किया है. राज्यपाल ने केंद्रीय जल संसाधन व नदी विकास मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस बाबत एक पत्र लिखा है.
जल संसाधन मंत्री को लिखे पत्र के अनुसार राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का कहना है प्रदेश सरकार इस परियोजना के सभी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी तकनीकी स्वीकृतियां प्राप्त की जा चुकी हैं.
परियोजना के लिए सभी पर्यावरण और वन स्वीकृतियां(चरण-1) भी प्राप्त कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि केवल वन स्वीकृति चरण-2 मिलना शेष है, जिसे भारत सरकार से धनराशि प्राप्त होने के बाद और प्रदेश के कैम्पा खाते में 577.62 करोड़ रुपये जमा करने के बाद प्राप्त कर लिया जाएगा.
रेणुकाजी बांध परियोजना की जानकारी देते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि ये राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है और इस परियोजना के जलाश्य में 49,800 एचएएम (0.498 बीसीएम) की भंडारण क्षमता होगी और दिल्ली को 23 क्यूसेक्स जलापूर्ति होगी.
यमुना तट पर बसे छह राज्य हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान इस परियोजना से लाभान्वित होंगे. परियोजना से हिमाचल प्रदेश को 40 मेगावाट की विशुद्ध ऊर्जा प्राप्त होगी और जिले के दूर-दराज क्षेत्रों की सामाजिक आर्थिक विकास में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
राज्यपाल ने कहा कि परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए कुछ प्रणालियों को जल्द ही लागू करना पड़ेगा. जल शक्ति विभाग में स्वीकृति के लिए निवेश प्रस्ताव लंबित है और इनकी स्वीकृति के बाद इन्हें आर्थिक मामलों की केबिनेट समिति के समक्ष रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि स्वीकृति के बाद भारत सरकार से राशि मिलना शुरू होगा. राज्य सरकार द्वारा की जाने वाली सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार को विभिन्न संदर्भ/अपीलीय न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयों के मुताबिक भू-मालिकों को बढ़ा हुआ भू-मुआवजा प्रदान करना होगा. ऐसा तभी संभव होगा जब केंद्र से राशि आएगी और इसके अभाव में राज्य सरकार को विभिन्न न्यायालयों में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि रेणुकाजी बांध बनने से छह राज्यों को लाभ होगा. रेणुकाजी बहुद्देश्यीय बांध परियोजना के समझौता ज्ञापन छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए हैं. रेणुकाजी बांध से छह राज्यों के लिए पानी उपलब्ध होगा. बांध के निर्माण के बाद गिरि नदी का प्रवाह लगभग 110 प्रतिशत बढ़ जाएगा जो दिल्ली और अन्य राज्यों की पीने की पानी की जरूरतों को कमी के दिनों में कुछ सीमा तक पूरा करेगा.
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