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जयराम सरकार को बजट पर मिले सिर्फ 950 सुझाव, ओल्ड पेंशन स्कीम की सबसे अधिक वकालत  

साक्षरता के मोर्चे पर देश के टॉप मोस्ट राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश में सरकार ने आम जनता और समाज के सभी वर्गों से बजट के लिए सुझाव (Himachal budget session 2022 ) मांगे थे. सुझाव भेजने के लिए तय अवधि पूरी होने पर सरकार को सिर्फ 950 सुझाव ही मिले. इन सुझावों में भी अधिकतर कर्मचारी वर्ग से जुड़े हुए हैं.

Himachal budget session
हिमाचल बजट सत्र
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Published : Feb 16, 2022, 7:36 PM IST

शिमला: साक्षरता के मोर्चे पर देश के टॉप मोस्ट राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश में सरकार ने आम जनता और समाज के सभी वर्गों से बजट के लिए सुझाव (Himachal budget session 2022 ) मांगे थे. सुझाव भेजने के लिए तय अवधि पूरी होने पर सरकार को सिर्फ 950 सुझाव ही मिले. इन सुझावों में भी अधिकतर कर्मचारी वर्ग से जुड़े हुए हैं. वित्त विभाग के अनुसार उनके पास जो सुझाव (suggestions for budget session Himachal) आए हैं, वे ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने, राज्य के आउटसोर्स कर्मियों की मांगों पर ध्यान देने उनके लिए पॉलिसी बनाने से संबंधित है.

एक युवा रोहित कुमार गुप्ता ने सरकार को कुछ गंभीर सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की वकालत की है. रोहित गुप्ता एक सरकारी विभाग में कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को सॉफ्ट लोन दिए जाने चाहिए ताकि वे डेयरी, फूड प्रोसेसिंग जैसे काम कर सकें. ग्रामीण इलाकों की सड़कों और संपर्क मार्गों को ठीक किए जाने की जरूरत है. ताकि किसान अपनी उपज आसानी से मंडियों तक पहुंचा सकें.

एक अन्य सुझाव में रोहित ने जनजातीय इलाकों में पैदा होने वाली जड़ी बूटियों और औषधीय पौधों (Medicinal plants in Himachal) पर एडवांस रिसर्च का सुझाव दिया है. इस क्षेत्र में एफडीआई भी आ सकती है. साथ ही उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनछुए पर्यटन स्थल विकसित करने की वकालत की. कर्मचारी वर्ग की तरफ से जो सुझाव दिए गए हैं, उनमें पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही गई है.

इसके अलावा नई पेंशन स्कीम के तहत आने वाले कर्मचारियों ने भी पुरानी पेंशन स्कीम (OPS in Himachal) का लाभ दिए जाने की मांग की है. हिमाचल प्रदेश में 50 हजार के करीब कर्मचारी ऐसे हैं, जो विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. इन कर्मचारियों ने अपने लिए स्थाई नीति बनाने की मांग रखी है. उद्योग जगत के लिए आए सुझावों में रेल कनेक्टिविटी की जरूरत बताई गई है.

बद्दी से चंडीगढ़ के लिए रेल लाइन शुरू होने से ट्रांसपोर्टेशन तेजी से हो सकेगा. युवाओं के लिए स्वरोजगार के साधन बढ़ाने पर भी सुझाव आए हैं. हिमाचल को पर्यटन राज्य के तौर पर और अधिक चर्चित करने के लिए ग्रामीण टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही गई है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 4 मार्च को बजट पेश करेंगे.

उससे पहले वित्त विभाग ने प्रदेश की जनता से 15 फरवरी तक सुझाव मांगे थे. वित्त विभाग के अधिकारी इन दिनों बजट भाषण की तैयारियों में लगे हैं और यह सुझाव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिए गए हैं. हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार बजट को लेकर हमेशा से संवेदनशील रही है और इसी कड़ी में आम जनता से सुझाव आमंत्रित किए जाते रहे हैं. संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है. इन सुझावों पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी. प्रदेश के जागरूक नागरिकों की तरफ से यह सुझाव प्रदेश सरकार को प्राप्त हुए हैं. जयराम सरकार प्रदेश के जनता के सुझावों पर अमल भी करती है.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला कॉलेज हॉस्टल में 21 छात्राएं हुईं फूड प्वाइजनिंग की शिकार, जांच के लिए भरे गए सैंपल

शिमला: साक्षरता के मोर्चे पर देश के टॉप मोस्ट राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश में सरकार ने आम जनता और समाज के सभी वर्गों से बजट के लिए सुझाव (Himachal budget session 2022 ) मांगे थे. सुझाव भेजने के लिए तय अवधि पूरी होने पर सरकार को सिर्फ 950 सुझाव ही मिले. इन सुझावों में भी अधिकतर कर्मचारी वर्ग से जुड़े हुए हैं. वित्त विभाग के अनुसार उनके पास जो सुझाव (suggestions for budget session Himachal) आए हैं, वे ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने, राज्य के आउटसोर्स कर्मियों की मांगों पर ध्यान देने उनके लिए पॉलिसी बनाने से संबंधित है.

एक युवा रोहित कुमार गुप्ता ने सरकार को कुछ गंभीर सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की वकालत की है. रोहित गुप्ता एक सरकारी विभाग में कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को सॉफ्ट लोन दिए जाने चाहिए ताकि वे डेयरी, फूड प्रोसेसिंग जैसे काम कर सकें. ग्रामीण इलाकों की सड़कों और संपर्क मार्गों को ठीक किए जाने की जरूरत है. ताकि किसान अपनी उपज आसानी से मंडियों तक पहुंचा सकें.

एक अन्य सुझाव में रोहित ने जनजातीय इलाकों में पैदा होने वाली जड़ी बूटियों और औषधीय पौधों (Medicinal plants in Himachal) पर एडवांस रिसर्च का सुझाव दिया है. इस क्षेत्र में एफडीआई भी आ सकती है. साथ ही उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनछुए पर्यटन स्थल विकसित करने की वकालत की. कर्मचारी वर्ग की तरफ से जो सुझाव दिए गए हैं, उनमें पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही गई है.

इसके अलावा नई पेंशन स्कीम के तहत आने वाले कर्मचारियों ने भी पुरानी पेंशन स्कीम (OPS in Himachal) का लाभ दिए जाने की मांग की है. हिमाचल प्रदेश में 50 हजार के करीब कर्मचारी ऐसे हैं, जो विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. इन कर्मचारियों ने अपने लिए स्थाई नीति बनाने की मांग रखी है. उद्योग जगत के लिए आए सुझावों में रेल कनेक्टिविटी की जरूरत बताई गई है.

बद्दी से चंडीगढ़ के लिए रेल लाइन शुरू होने से ट्रांसपोर्टेशन तेजी से हो सकेगा. युवाओं के लिए स्वरोजगार के साधन बढ़ाने पर भी सुझाव आए हैं. हिमाचल को पर्यटन राज्य के तौर पर और अधिक चर्चित करने के लिए ग्रामीण टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही गई है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 4 मार्च को बजट पेश करेंगे.

उससे पहले वित्त विभाग ने प्रदेश की जनता से 15 फरवरी तक सुझाव मांगे थे. वित्त विभाग के अधिकारी इन दिनों बजट भाषण की तैयारियों में लगे हैं और यह सुझाव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिए गए हैं. हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार बजट को लेकर हमेशा से संवेदनशील रही है और इसी कड़ी में आम जनता से सुझाव आमंत्रित किए जाते रहे हैं. संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है. इन सुझावों पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी. प्रदेश के जागरूक नागरिकों की तरफ से यह सुझाव प्रदेश सरकार को प्राप्त हुए हैं. जयराम सरकार प्रदेश के जनता के सुझावों पर अमल भी करती है.

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