शिमला: मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश पहुंचे. उनका भव्य स्वागत हुआ और उन्होंने भी रिज मैदान पर लोगों का अभिवादन किया. वहीं, जब पीएम मोदी कार्यक्रम खत्म होने के बाद लौट रहे थे, उसी दौरान उनकी नजर भीड़ में खड़ी एक लड़की पर पड़ी. जिसने अपने हाथों में उनकी मां का स्केच पकड़ा था. जब पीएम की नजर उस फोटो पर पड़ी तो उन्होंने गाड़ी रुकवा ली और नीचे उतरकर भीड़ में खड़ी लड़की के पास पहुंचे. महिला चित्रकार ने स्केच पीएम को भेंट किया. पीएम ने अपनी मां का स्केच स्वीकार करते हुए चित्रकार से उसका नाम पूछा.
वहीं, जब महिला चित्रकार फोटो भेंट कर रही थी तो वो फोटो सोशल मीडिया पर छा गया. वीडियो में आपने सुना होगा कि जब पीएम ने महिला चित्रकार से पूछा कि आप (वीडियो नहीं देखा? तो खबर के अंत में लिंक है उसे क्लिक करें) कहां रहती हैं, तो जवाब आया कि शिमला में ही रहती हूं. अब कुछ लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर महिला चित्रकार शिमला में कहां से कौन से गांव की रहने वाली हैं जो इतनी अच्छी चित्रकारी करती हैं. बस लोगों की इसी उत्सुकता को मिटाने के लिए ईटीवी भारत ने जांच पड़ताल शुरू कर दी. पता चला कि महिला चित्रकार मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले 12 सालों से अपने पति के साथ शिमला में ही रहती हैं.
अनु से बातचीत में पता चला कि वे दोनों पति-पत्नी ऑनलाइन पेंटिंग बनाकर बेचते हैं. इसके लिए उन्होंने एक अपनी वेबसाइट भी बना रखी है. इसके माध्यम से पूरे देश में पेंटिंग बेचते हैं. अनु यादव बताती हैं कि उनके दिल में महज उम्मीद थी कि शायद मोदी रुक जाएंगे. अनु यादव ने बताया कि सोमवार को जब जिला प्रशासन के साथ पेंटिंग देने के बारे में चर्चा हो रही थी तो उन्होंने इसका जिक्र किया था कि पीएम मोदी की माता की पेंटिंग भी बनाई है. अभी तक फ्रेम नहीं हुई हुई थी. इसलिए रैली स्थल से जब मोदी वापस जा रहे थे तो हाथ में उनकी माता की बनी हुई पेंटिंग लेकर कतार में खड़ी हो गई. शाम के समय आनन फानन में पेंटिंग को फ्रेम करवाया. इसके बाद सुबह ही रैली के लिए टूटीकंडी स्थित घर से चल पड़ी. जब सुबह घर से चली तो भी अपनी मेहनत पर ही विश्वास था. दिल में उम्मीद थी कि शायद आज अपनी पेंटिंग की असली कीमत मिल जाएगी.
अनु यादव आगे कहती हैं कि पूरा विश्वास तो नहीं था, लेकिन एक उम्मीद थी जिसके सहारे मैं वहां तक पहुंच गई. अनु यादव आगे कहती हैं कि जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे हाथ में अपनी माता की तस्वीर देखी तो वह अपनी गाड़ी रोक कर नीचे उतर गए. उन्होंने वह तस्वीर मुझसे ली, मुझसे पूछा कि आप क्या करते हो? मेरे परिवार के बारे में पूछा और आशीर्वाद दिया. मैंने तो सिर्फ अपनी आत्म संतुष्टि के लिए बनाई थी, लेकिन आज यह तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी को अपने हाथों से बैठकर मैं संतुष्ट हूं और अपनी कला से जो हासिल कर सकती थी उससे ज्यादा हासिल किया है.
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