शिमलाः डॉक्टर राजन सुशांत के नई पार्टी का गठन और प्रदेश सरकार पर बोले हमले के बाद अब जयराम सरकार के मंत्रियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि राजन सुशांत को सब जानते हैं. उनका राजनीतिक चरित्र किसी से छिपा नहीं है.
सांसद रहने के बाद आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ा और उनको 23 हजार वोट मिले थे, जिसमें अपनी विधानसभा से उन्हें केवल 2500 वोट भी नहीं मिले थे. लोगों ने उनकी पिछले 4 चुनावों में जमानत जब्त करवाई है.
पठानिया ने कहा कि जिन विषयों को आज वो उठा रहे हैं, उन विषयों के ऊपर उस समय कुछ नहीं बोला जब वो विधायक और सांसद रहे. अब जनता ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया है. पहले न्याय मंच फिर निर्दलिय चुनाव लड़े हर बार जमानत जब्त हुई है. उन्होंने कहा कि अब नया मंच बनाया है उसके लिए उनको शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन हालत वही होगी जो हर बार होती है.
राकेश पठानिया ने राजन सुशांत पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति एक राष्ट्रीय पार्टी से विधायक, मंत्री और सांसद होने के बावजूद जनता की सेवा नहीं कर पाया हो वह व्यक्ति अब एक नया फ्रंट गठित कर कितनी जनता की सेवा कर पाएगा.
पठानिया ने कहा कि व्यक्ति के अंदर ठहराव होना अति आवश्यक है. जिस पार्टी ने उन्हें इतना कुछ दिया और इतने बड़े पदों पर पहुंचाया, उन्हें वहां पर रुक कर कार्य करना चाहिए था, लेकिन राजन सुशांत का स्वभाव प्रदेश की जनता भली भांति जानती हैं.
पठानिया ने कहा कि राजन सुशांत ने हमेशा ही अपने निजी स्वार्थों और हितों को तरजीह दी है. उन्होंने सत्ता के लिए जनता के हितों को भी दांव पर लगाने में कभी संकोच नहीं किया.पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाने से पहले उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रदेश व अपने क्षेत्र के लिए उनका क्या योगदान रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों से विकास की रफ्तार और जनहित की योजनाओं के कारण प्रदेश सरकार लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हुई है. सरकार की लोकप्रियता के कारण कुछ अवसरवादी नेता अपने आप को बहुत असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
इसलिए मीडिया में आकर बयान बाजी कर रहे हैं. राजन सुशांत को प्रदेश सरकार की कार्यशैली की सराहना करनी चाहिए, क्योंकि सरकार की कई योजनाएं प्रदेश भर में लोकप्रिय हुई हैं और अन्य प्रदेशों को मॉडल राज्य के रूप में इन योजनाओं को दिखाया जा रहा है.
पठानिया ने राजन सुशांत को मर्यादाओं के अनुरूप व्यवहार करने की सलाह देते हुए कहा कि प्रदेश की जनता सच्चाई से भलीभांति परिचित हैं और वह ऊंची राजनीति करने वालों पर विश्वास नहीं करती है.
राजन सुशांत को भ्रमक और झूठे बयानों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला प्रदेश की जनता ने भारी बहुमत से बीजेपी को सत्ता दिलाई है और अवसरवादी नेताओं को पूरी तरह से नकार दिया है.