शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल (Cancer Hospital Shimla) में पेट स्कैन मशीन लगाने के लिए वन विभाग की क्लीयरेंस मिल गई है. विभाग ने सारा रिकॉर्ड सरकार को भेज दिया है. इस मशीन को लगने के बाद मरीजों को दूसरे राज्य में टेस्ट करवाने के लिए जाने की जरूरत नहीं होगी. अभी तक मरीजों को पेट स्केन का टेस्ट करवाने के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ता है. इस मशीन को लगाने के लिए अस्पताल ने स्थान का चयन कर लिया है. इस मशीन को लगने में पांच से छह महीने का समय लगेगा.
सरकार की ओर से मशीन के लिए फंड जारी होते ही ये मशीन स्थापित कर दी जाएगी. इसके बाद कैंसर के मरीजों का पेट स्कैन का टेस्ट शिमला में ही संभव होगा. अभी एक टेस्ट करवाने के लिए मरीज को चंडीगढ़ जाना पड़ता है, इसमें लोगों को हजारों रुपये टेस्ट की फीस के साथ-साथ टैक्सी का खर्च भी अलग से उठाना पड़ता है. ऐसे में मरीजों पर ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ता है. इसके साथ ही मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता है. पीजीआई में टेस्ट के लिए लंबी डेट मिलती है. जबकि निजी क्षेत्र में टेस्ट करवाने के लिए हजारों रुपये की फीस ली जाती है.
पेट स्कैन क्यों होता है: पेट स्कैन डॉक्टर को कैंसर के लिए सबसे बेहतर इलाज का चयन करने में मदद करता है. पेट स्कैन यह भी बताता है कि उपचार कितने अच्छे से काम कर रहा है और कैंसर कौन सी स्टेज में हैं. पेट स्कैन यह देखने के लिए भी किया जा सकता है कि क्या ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी की जा सकती है या नहीं. लिम्फोमा और ब्रेन कैंसर, गले का कैंसर, सिर और गर्दन का कैंसर, लंग कैंसर, पौरुष ग्रंथि के कैंसर के मूल्यांकन में भी इसका इस्तेमाल होता है.
पेट स्कैन का इस्तेमाल यह देखने के लिए भी किया जाता है कि कैंसर कितना गंभीर है और क्या यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल गया है. आईजीएमसी के डॉक्टर मनीष गुप्ता (IGMC Hospital Shimla) ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के लिए पेट स्केन मशीन लगाई जा रही है. इससे मरीजों को दूसरे राज्य में नहीं जाना होगा. अस्पताल प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है कि मरीजों को पूरी सुविधा अस्पताल में प्रदान किए जाए.
- विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP