कसौली/सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर जिला खाद्य सुरक्षा (poor quality paneer in himachal) विभाग ने घटिया किस्म के पनीर की बड़ी खेप बरामद की है. यह पनीर पंचकूला से हिमाचल में बिक्री के लिए ले जाया जा रहा था. विभाग को सूचना मिलते ही पुलिस की सहायता से गाड़ी को दबोचा गया. जिला खाद्य सुरक्षा विभाग (Food Safety Department Solan) ने पनीर के सैंपल लेकर जांच के लिए कंडाघाट भेजे. जहां से इनकी रिपोर्ट सब-स्टेंडर्ड आई है. विभाग ने मालिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है.
जानकारी के अनुसार हाईवे पर धर्मपुर पुलिस थाना (Dharampur Police Station) के समीप हरियाणा नंबर के एक वाहन से छह क्विंटल पनीर पकड़ा है. हैरत की बात तो यह है कि पनीर में मिल्क फैट की मात्रा काफी कम है और इसमें कोई अन्य हानिकारक फैट भी मिलाया गया है. इससे सेहत को काफी नुकसान हो सकता था. विभाग ने बिक्री होने वाले पनीर की खेप सूचना मिलने के बाद हाईवे पर पुलिस के साथ मिलकर जाल बिछाया. इसके चलते बिक्री से पहले ही खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पनीर की खेप को बरामद कर लिया. भारी मात्रा में पनीर के खेप बरामद में होने के बाद जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो सैंपल भरे जिन्हें जांच के लिए सीटीएल कंडाघाट भेजा गया.
सैंपल के परीक्षण के दौरान यह सब-स्टेंडर्ड पाया गया है. इसके बाद विभाग की ओर से आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. उधर, जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर ने बताया कि सूचना मिलने के बाद हाईवे पर पुलिस की मदद ली गई और भारी मात्रा में पनीर लेकर आ रही गाड़ी को रोका गया. जांच के दौरान सैंपल सब-स्टेंडर्ड आए हैं. विभाग ने मालिक से 15 दिन में जबाव मांगा है. वहीं, विभाग की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी है. मामले में पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. पनीर की कुल खेप छह क्विंटल है. मौके से ही सैंपल लिए गए थे.
नियमों के विरुद्ध किया जा रहा था कार्य: हाईवे पर पकड़े गए पनीर को नियमों के विरुद्ध बेचने का कार्य किया जा रहा था. मालिक के पास न तो बेचने का लाइसेंस है और न ही पनीर बनाने का लाइसेंस है. यही नहीं पनीर पर कोई भी होलोग्राम नहीं लगा गया है. वहीं, पनीर को लाने व ले जाने के लिए रैफ्रिजेटर वैन का भी प्रयोग नहीं किया जा रहा था. पकड़ी गई गाड़ी में ठूंस-ठूंस कर पनीर भरा हुआ था.
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