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किन्नौर के चेरंग खड्ड में बाढ़ आने से सतलुज में बनी झील, स्किबा गांव को खतरा - सतलुज नदी

बाढ़ का पानी इकट्ठा होने से सतलुज में एक बहुत बड़ी झील बन चुकी है. इस झील के फटने से सतलुज के पास बसे स्किबा गांव को नुकसान झेलना पड़ सकता है. ग्रामीण सूर्या नेगी ने कहा कि बाढ़ आने के बाद सतलुज में झील का निर्माण होने से ग्रामीण दहशत में हैं.

Flood in Cherang Khad
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Published : Aug 13, 2020, 11:46 AM IST

किन्नौरः मूरंग तहसील के रिस्पा गांव के चेरंग खड्ड में बुधवार रात भारी बाढ़ आने से ग्रामीणों को करीब 70 लाख का भारी नुकसान हुआ है. इसमें बगीचों समेत दूसरा सामान शामिल है. बा का पानी सतलुज पर बने अस्थाई पुल को भी बहाकर ले गया. वहीं, अब पुल न होने के कारण स्पीति की ओर जाने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है.

वहीं, बाढ़ का पानी इकट्ठा होने से सतलुज में एक बहुत बड़ी झील बन चुकी है. इस झील के फटने से सतलुज के पास बसे स्किबा गांव को नुकसान झेलना पड़ सकता है. स्कीबा गांव के सूर्या नेगी ने कहा कि बाढ़ आने के बाद सतलुज में झील का निर्माण होने से ग्रामीण दहशत में हैं. इस झील के फटने से गांव को नुकसान हो सकता है. इसलिए ग्रामीण प्रशासन से समय रहते इस झील को ब्लास्टिंग कर तोड़ने की मांग कर रहे हैं, ताकि झील के पानी को और ज्यादा बढ़ने से रोका जा सके.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि रिस्पा के चेरंग खड्ड में आया बाढ़ का पानी अपने साथ बड़े-बड़े पेड़ और पत्थरों को भी साथ लाया है. इसके कारण ही अनावश्यक चीजें इकट्ठा होने से सतलुज के बीचों-बीच पानी का बहाव ठहर गया है. पानी ठहरने से एक झील बन गई है, जिसमें पानी इकट्ठा हो रहा है. इससे गांव के लोग अब दहशत मे हैं.

ये भी पढ़ेंः गोबिंदगढ़ मोहल्ला के लोगों ने डीसी को फिर भेजा E-MAIL, स्थिति स्पष्ट करने की मांग

किन्नौरः मूरंग तहसील के रिस्पा गांव के चेरंग खड्ड में बुधवार रात भारी बाढ़ आने से ग्रामीणों को करीब 70 लाख का भारी नुकसान हुआ है. इसमें बगीचों समेत दूसरा सामान शामिल है. बा का पानी सतलुज पर बने अस्थाई पुल को भी बहाकर ले गया. वहीं, अब पुल न होने के कारण स्पीति की ओर जाने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है.

वहीं, बाढ़ का पानी इकट्ठा होने से सतलुज में एक बहुत बड़ी झील बन चुकी है. इस झील के फटने से सतलुज के पास बसे स्किबा गांव को नुकसान झेलना पड़ सकता है. स्कीबा गांव के सूर्या नेगी ने कहा कि बाढ़ आने के बाद सतलुज में झील का निर्माण होने से ग्रामीण दहशत में हैं. इस झील के फटने से गांव को नुकसान हो सकता है. इसलिए ग्रामीण प्रशासन से समय रहते इस झील को ब्लास्टिंग कर तोड़ने की मांग कर रहे हैं, ताकि झील के पानी को और ज्यादा बढ़ने से रोका जा सके.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि रिस्पा के चेरंग खड्ड में आया बाढ़ का पानी अपने साथ बड़े-बड़े पेड़ और पत्थरों को भी साथ लाया है. इसके कारण ही अनावश्यक चीजें इकट्ठा होने से सतलुज के बीचों-बीच पानी का बहाव ठहर गया है. पानी ठहरने से एक झील बन गई है, जिसमें पानी इकट्ठा हो रहा है. इससे गांव के लोग अब दहशत मे हैं.

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