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major somnath sharma birth anniversary: 1947 में हुए युद्ध में दुश्मनों के सामने दीवार बनकर खड़ें थे मेजर सोमनाथ

आजादी के बाद पाकिस्तान कश्मीर को हथियाना चाहता था. पाकिस्तान की नापाक हरकतों का सबूत था कबायली आक्रमण. जम्मू-कश्मीर को हथियाने की गरज से पाकिस्तान ने यह दुस्साहस किया, लेकिन बड़गांव में मोर्चे पर डटे मेजर सोमनाथ शर्मा ने पाकिस्तान की ये चाल नाकाम कर दी. आज मेजर सोमनाथ शर्मा की जयंती पर आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह समेत कई लोगों ने वीरभूमि के इस लाल को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है.

major somnath sharma birth anniversary
मेजर सोमनाथ शर्मा की जंयती
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Published : Jan 31, 2022, 10:35 AM IST

शिमला: मेजर सोमनाथ शर्मा ने अपने अफसरों को वचन दिया था कि जब तक उनके पास एक भी गोली है और सांस है, दुश्मन आगे नहीं बढ़ सकता. कश्मीर पर कब्जा करने के इरादे से आए दुश्मनों को मेजर सोमनाथ शर्मा ने दीवार बनकर रोक दिया. ऐसे वीर को जन्म दिया था हिमाचल की कांगड़ा घाटी की मिट्टी ने. यहां के ढाढ़ गांव में 31 जनवरी 1923 को जन्मे मेजर सोमनाथ शर्मा की जंयती पर आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.

महेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ''1947 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने वाले प्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन."

  • 1947 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने वाले प्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।@BJP4India @BJP4Himachal @BjpDharampur @VandanaGulbjp pic.twitter.com/bhEJAk5EIe

    — Mahender Singh (@MahenderSTBJP) January 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हिमाचल बीजेपी ने अपने ट्वीट में लिखा "मैं एक इंच पीछे नहीं हटूंगा और तब तक लड़ता रहूंगा जब तक कि मेरे पास आखिरी जवान और आखिरी गोली है. अदम्य साहस की पहचान, भारत के प्रथम परमवीर शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन"

  • ‘‘मैं एक इंच पीछे नहीं हटूंगा और तब तक लड़ता रहूंगा जब तक कि मेरे पास आखिरी जवान और आखिरी गोली है’’

    अदम्य साहस की पहचान, भारत के प्रथम परमवीर शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। pic.twitter.com/jQ7Mtv1KkJ

    — BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) January 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, चेतन बरागटा ने ट्वीट किया कि "वीरभूमि हिमाचल के सपूत, 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की जयंती पर सादर नमन. उनकी शाहदत पर सम्पूर्ण देश को गर्व है."

  • वीरभूमि हिमाचल के सपूत,1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की जयंती पर सादर नमन।

    उनकी शाहदत पर सम्पूर्ण देश को गर्व है। pic.twitter.com/Fd8BZW0hAH

    — Chetan Bragta (@chetanbragta) January 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

19 साल की उम्र में कुमाऊं रेजीमेंट में हासिल किया था कमीशन- सोमनाथ शर्मा की शिक्षा नैनीताल के मशहूर शिक्षण संस्थान शेरवुड कॉलेज से हुई थी. इस सैन्य परिवार में मेजर सोमनाथ शर्मा के भाई जनरल वीएन शर्मा भारतीय सेना में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रहे. उनके एक भाई सुरेंद्र नाथ शर्मा भी भारतीय सेना में ऊंचे ओहदे पर थे. बहन कमला भी सेना में डॉक्टर रहीं. मात्र 19 साल की उम्र में यानी फरवरी 1942 में कुमाऊं रेजीमेंट में कमीशन हासिल करने के बाद मेजर सोमनाथ शर्मा को दूसरे विश्व युद्ध में लड़ाई का भी अनुभव था. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में अरकान ऑपरेशन में भाग लिया था.

आखिरी गोली और आखिरी सांस तक लड़ेंगे- पाकिस्तान से जंग के दौरान बिग्रेडियर हेडक्वार्टर को मिला मेजर सोमनाथ का आखिरी संदेश बेहद मर्मस्पर्शी था. मेजर ने कहा- दुश्मन हमसे मात्र 50 गज दूर है. हमारी तादाद न के बराबर है और हम जबरदस्त गोलाबारी के बीच घिरे हैं, लेकिन मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा, जब तक हमारे पास आखिरी गोली और आखिरी फौजी है हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे. यह मेजर सोमनाथ और उनके साथियों के साहस का ही कमाल था कि उन्होंने दुश्मन को तब तक रोके रखा, जब तक भारतीय सेना की मदद नहीं पहुंची. अद्भुत वीरता के लिए मेजर सोमनाथ शर्मा को देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र (मरणोपरांत) दिया गया.

major somnath sharma birth anniversary
मेजर सोमनाथ शर्मा अपने परिवार के साथ (फाइल)

अपने वीरों को बड़े अरमान से याद करता है हिमाचल- मेजर सोमनाथ शर्मा 24 साल की उम्र में ही शहीद हो गए. इसे संयोग ही कहा जाएगा कि हिमाचल की ही धरती और कांगड़ा की मिट्टी के ही महान सपूत कैप्टन विक्रम बत्रा ने भी 24 साल की उम्र में ही वीरगति को प्राप्त हुए थे. ये दोनों सपूत भारत के परमवीर साबित हुए. धर्मशाला में मेजर सोमनाथ शर्मा के कई स्मृति चिन्ह हैं. जिला प्रशासन कांगड़ा ने भी मेजर सोमनाथ की स्मृतियों को संजोया है. जिला कांगड़ा प्रशासन ने वॉर हीरोज ऑफ कांगड़ा (war heroes of Kangra) के नाम से एक पन्ना बनाया है. इसमें कांगड़ा जिला से परमवीर चक्र विजेता सोमनाथ शर्मा के अलावा अन्य योद्धाओं को शामिल किया गया है. इनमें विक्रम बत्रा, सौरभ कालिया भी हैं.

ये भी पढ़ें: Problems of Orchardists in himachal: केंद्रीय बजट से क्या है हिमाचल के बागवानों की उम्मीद

शिमला: मेजर सोमनाथ शर्मा ने अपने अफसरों को वचन दिया था कि जब तक उनके पास एक भी गोली है और सांस है, दुश्मन आगे नहीं बढ़ सकता. कश्मीर पर कब्जा करने के इरादे से आए दुश्मनों को मेजर सोमनाथ शर्मा ने दीवार बनकर रोक दिया. ऐसे वीर को जन्म दिया था हिमाचल की कांगड़ा घाटी की मिट्टी ने. यहां के ढाढ़ गांव में 31 जनवरी 1923 को जन्मे मेजर सोमनाथ शर्मा की जंयती पर आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.

महेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ''1947 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने वाले प्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन."

  • 1947 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने वाले प्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।@BJP4India @BJP4Himachal @BjpDharampur @VandanaGulbjp pic.twitter.com/bhEJAk5EIe

    — Mahender Singh (@MahenderSTBJP) January 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हिमाचल बीजेपी ने अपने ट्वीट में लिखा "मैं एक इंच पीछे नहीं हटूंगा और तब तक लड़ता रहूंगा जब तक कि मेरे पास आखिरी जवान और आखिरी गोली है. अदम्य साहस की पहचान, भारत के प्रथम परमवीर शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन"

  • ‘‘मैं एक इंच पीछे नहीं हटूंगा और तब तक लड़ता रहूंगा जब तक कि मेरे पास आखिरी जवान और आखिरी गोली है’’

    अदम्य साहस की पहचान, भारत के प्रथम परमवीर शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। pic.twitter.com/jQ7Mtv1KkJ

    — BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) January 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, चेतन बरागटा ने ट्वीट किया कि "वीरभूमि हिमाचल के सपूत, 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की जयंती पर सादर नमन. उनकी शाहदत पर सम्पूर्ण देश को गर्व है."

  • वीरभूमि हिमाचल के सपूत,1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की जयंती पर सादर नमन।

    उनकी शाहदत पर सम्पूर्ण देश को गर्व है। pic.twitter.com/Fd8BZW0hAH

    — Chetan Bragta (@chetanbragta) January 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

19 साल की उम्र में कुमाऊं रेजीमेंट में हासिल किया था कमीशन- सोमनाथ शर्मा की शिक्षा नैनीताल के मशहूर शिक्षण संस्थान शेरवुड कॉलेज से हुई थी. इस सैन्य परिवार में मेजर सोमनाथ शर्मा के भाई जनरल वीएन शर्मा भारतीय सेना में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रहे. उनके एक भाई सुरेंद्र नाथ शर्मा भी भारतीय सेना में ऊंचे ओहदे पर थे. बहन कमला भी सेना में डॉक्टर रहीं. मात्र 19 साल की उम्र में यानी फरवरी 1942 में कुमाऊं रेजीमेंट में कमीशन हासिल करने के बाद मेजर सोमनाथ शर्मा को दूसरे विश्व युद्ध में लड़ाई का भी अनुभव था. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में अरकान ऑपरेशन में भाग लिया था.

आखिरी गोली और आखिरी सांस तक लड़ेंगे- पाकिस्तान से जंग के दौरान बिग्रेडियर हेडक्वार्टर को मिला मेजर सोमनाथ का आखिरी संदेश बेहद मर्मस्पर्शी था. मेजर ने कहा- दुश्मन हमसे मात्र 50 गज दूर है. हमारी तादाद न के बराबर है और हम जबरदस्त गोलाबारी के बीच घिरे हैं, लेकिन मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा, जब तक हमारे पास आखिरी गोली और आखिरी फौजी है हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे. यह मेजर सोमनाथ और उनके साथियों के साहस का ही कमाल था कि उन्होंने दुश्मन को तब तक रोके रखा, जब तक भारतीय सेना की मदद नहीं पहुंची. अद्भुत वीरता के लिए मेजर सोमनाथ शर्मा को देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र (मरणोपरांत) दिया गया.

major somnath sharma birth anniversary
मेजर सोमनाथ शर्मा अपने परिवार के साथ (फाइल)

अपने वीरों को बड़े अरमान से याद करता है हिमाचल- मेजर सोमनाथ शर्मा 24 साल की उम्र में ही शहीद हो गए. इसे संयोग ही कहा जाएगा कि हिमाचल की ही धरती और कांगड़ा की मिट्टी के ही महान सपूत कैप्टन विक्रम बत्रा ने भी 24 साल की उम्र में ही वीरगति को प्राप्त हुए थे. ये दोनों सपूत भारत के परमवीर साबित हुए. धर्मशाला में मेजर सोमनाथ शर्मा के कई स्मृति चिन्ह हैं. जिला प्रशासन कांगड़ा ने भी मेजर सोमनाथ की स्मृतियों को संजोया है. जिला कांगड़ा प्रशासन ने वॉर हीरोज ऑफ कांगड़ा (war heroes of Kangra) के नाम से एक पन्ना बनाया है. इसमें कांगड़ा जिला से परमवीर चक्र विजेता सोमनाथ शर्मा के अलावा अन्य योद्धाओं को शामिल किया गया है. इनमें विक्रम बत्रा, सौरभ कालिया भी हैं.

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