शिमला: राजधानी शिमला में फिर से पीलिया फैलने का खतरा पैदा हो गया है. शिमला के साथ सटे क्यार गांव में दूषित पानी से लोग खासे परेशान हैं. लालपानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (Lalpani sewerage treatment plant) से जो पानी निकलता है वह सीधा क्यार गांव के पेयजल स्त्रोत के साथ नलों में मिल रहा है. पेयजल स्त्रोतों में दूषित पानी मिलने से लोग परेशान हैं. स्थानीय लोग इस पानी का इस्तेमाल घर के लिए तो दूर, पशुओं को पिलाने के लिए भी नहीं कर पा रहे हैं. पेयजल स्त्रोतों में सीवरेज का पानी मिलने की समस्या पुरानी है. पिछले कुछ दिनों से यह समस्या और ज्यादा विकराल हो गई है.
लोगों को खतरा है कि इस पानी को पीने से पशु भी बीमार हो रहे और बच्चे भी गाय के पेट मे ही मर रहे हैं. साथ ही पीलिया (Jaundice in shimla) जैसी बीमारी फिर से फैलने का खतरा पैदा हो गया है. स्थानीय लोग नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन तक इस समस्या से छुटकारा दिलाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन न तो नगर निगम और न ही जिला प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई कर रहा है. जबकि नदी का पानी पूरी तरह से गंदा हो गया है और यही पानी अश्वनी खड्ड जहां से शिमला के लिए पानी की सप्लाई होती है वहां तक पहुंच रहा है.
क्यार गांव के स्थानीय अश्वनी कुमार व विमल कुमार ने बताया कि चार पांच सालों से लगातार दूषित पानी आता है. अब पिछले कुछ दिनों से इसमें ज्यादा ही परेशानी आम लोगों की बढ़ गई है. अब तो बहते हुए पानी के गंदगी की बदबू साथ लगते क्षेत्रों में लोगों तो परेशानी आ रही है. इस मामले को नगर निगम शिमला से लेकर शिमला जल प्रबंधन के अधिकारियों से बात की है, लेकिन अभी तक कहीं से राहत नहीं मिल रही है.
उन्होंने कहा कि प्रशासन और नगर निगम (Municipal corporation shimla) को भी इस मामले में पत्र लिखा जा चुका है, इसलिए अब जल्द ही स्थानीय लोग इस मामले को लेकर प्रशासन के समक्ष मिलकर उठाने की तैयारी कर हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे आने वाले समय में सड़कों पर उतरेंगे. जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.
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