शिमलाः कोरोना के शुरुआती दौर में कर्फ्यू व लॉकडॉउन के दौरान लोगो ने कोरोना नियमों का बखूबी पालन किया और मास्क लगा कर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते रहे, लेकिन अनलॉक में लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूलते जा रहे हैं. सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आने वाले समय पर ये लापरवाही जनता पर भारी पड़ सकती है.
सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम उड़ रही धज्जियों पर ईटीवी भारत ने आईजीएसमी में मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. विमल भारती से बातचीत की. बातचीत के दौरान डॉक्टर विमल भारती ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां जनता उड़ा रही है और यह लापरवाही आने वाले समय मे भारी पड़ सकती है.
डॉ. विमल भारती ने कहा कि मजबूत इम्युनिटी वाले मरीज बिना दवाई के भी ठीक हो रहे हैं, लेकिन शुगर, लिवर या किडनी के मरीज और कमजोर इम्युनिटी वाले बूढ़ों को ये लापरवाही भारी पड़ सकती है, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि कोरोना से बचा जा सके.
डॉ भारती का कहना था कि लोग इस उम्मीद में है कि अब कोरोना की दवाई आने वाली हैं, इसलिए हम आजाद हैं. अब लोगों में बीमारीं का डर नही है. सारी जानकारी होने के बाद भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. सब कुछ जानने के बाद भी नासमझ बन रहे हैं. डॉ भारती का कहना है कि यह हमारे ऊपर निर्भर है कि हम कोरोना को कब तक रखना चाहते हैं. हम अगर गम्भीरता से कोविड नियमों का पालन करेंगे तो जल्द ही कोरोना से निजात मिल जाएगी.