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बरसात में छोटे बच्चों का रखें विशेष ख्याल, जल जनित रोगों से ऐसे बरतें सावधानी - water borne disease

हिमाचल में बरसात का मौसम शुरू होते ही छोटे बच्चों में जलजनित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आईजीएमसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद ने छोटे बच्चों के बचाव के लिए टिप्स दिए हैं. उन्होंने कहा कि बारिश में उबले पानी का सेवन करना चाहिए और आसपास सफाई रखना चाहिए.

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जनित रोगों से ऐसे बरतें सावधानी.
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Published : Jul 7, 2020, 6:01 PM IST

शिमला: प्रदेश में बारिश का मौसम शुरू होते ही छोटे बच्चों में वायरल बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आईजीएमसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद ने छोटे बच्चों के बचाव के लिए सुझाव दिए हैं.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद ने बताया कि अस्पताल में रोज दर्जनों परिजन अपने छोटे बच्चों को लेकर इलाज के लिए आते हैं, जिसमें से बुखार, खांसी, जुकाम, उल्टी-दस्त से ग्रस्ति बच्चे ज्यादा होते हैं. उन्होंने कहा कि बरसात में स्क्रब टायफस होने का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में परिजनों द्वारा छोटे बच्चों का ख्याल रखना जरूरी है.

अश्वनी सूद ने बताया कि स्क्रब टायफस बारिश के समय हरी घास में एक सफेद रंग का कीटाणु होता है, जिसके काटने से स्क्रब टायफस होता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे या बुजुर्ग को स्क्रब टायफस होता है, तो उसको तुरंत अस्पताल में जांच करवानी चाहिए, ताकि मरीज का इलाज जल्द किया जा सके.

वीडियो.

डॉ. सूद ने बताया कि बारिश के मौसम में जलजनित बीमारियों के बचाव के लिए पानी का सेवन उबाल कर करना चाहिए और सड़े गले फल का भी सेवन नही करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आसपास सफाई रखें, ताकि हम बीमार होने से बच सकें.

डॉ. सूद का कहना था कि अभी तक आईजीएमसी में कोई भी बच्चा कोरोना से ग्रस्त नहीं पाया गया है. उन्होंने कहा कि 2 साल से ऊपर के लोग मास्क का प्रयोग करें और सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में रोजाना बाहरी राज्यों से पहुंच रहे सैकड़ों लोग, जांच के बाद किया जा रहा होम क्वारंटाइन

शिमला: प्रदेश में बारिश का मौसम शुरू होते ही छोटे बच्चों में वायरल बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आईजीएमसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद ने छोटे बच्चों के बचाव के लिए सुझाव दिए हैं.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद ने बताया कि अस्पताल में रोज दर्जनों परिजन अपने छोटे बच्चों को लेकर इलाज के लिए आते हैं, जिसमें से बुखार, खांसी, जुकाम, उल्टी-दस्त से ग्रस्ति बच्चे ज्यादा होते हैं. उन्होंने कहा कि बरसात में स्क्रब टायफस होने का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में परिजनों द्वारा छोटे बच्चों का ख्याल रखना जरूरी है.

अश्वनी सूद ने बताया कि स्क्रब टायफस बारिश के समय हरी घास में एक सफेद रंग का कीटाणु होता है, जिसके काटने से स्क्रब टायफस होता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे या बुजुर्ग को स्क्रब टायफस होता है, तो उसको तुरंत अस्पताल में जांच करवानी चाहिए, ताकि मरीज का इलाज जल्द किया जा सके.

वीडियो.

डॉ. सूद ने बताया कि बारिश के मौसम में जलजनित बीमारियों के बचाव के लिए पानी का सेवन उबाल कर करना चाहिए और सड़े गले फल का भी सेवन नही करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आसपास सफाई रखें, ताकि हम बीमार होने से बच सकें.

डॉ. सूद का कहना था कि अभी तक आईजीएमसी में कोई भी बच्चा कोरोना से ग्रस्त नहीं पाया गया है. उन्होंने कहा कि 2 साल से ऊपर के लोग मास्क का प्रयोग करें और सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें.

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