शिमला: उपचुनावों में भाजपा की हार पर बोलते हुए पूर्व सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह ने कहा कि हार के कई कारण रहे होंगे, लेकिन जो लोग मेरी भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मैंने अगर गलती की है तो कुछ भी हो मैं उसे स्वीकार करने वाला हूं, लेकिन मैं एक स्पष्ट वादी इंसान हूं जो करता हूं स्पष्ट रूप से करता हूं.
उम्मीदवार के चयन पर सवाल खड़े करते हुए महेश्वर सिंह ने कहा कि जिस दिन उम्मीदवार का निर्णय हुआ किस प्रकार का निर्णय हुआ यह भी एक हास्यास्पद प्रक्रिया थी सभी लोगों को आने के आदेश दिए गए और कहा गया कि उम्मीदवार का निर्णय बाद में होगा.
महेश्वर सिंह ने कहा कि इस पर मैंने सवाल भी खड़े किए थे और कहा था कि हम क्या बोलकर लोगों को सभा स्थल के लिए लाएंगे. उन्होंने कहा कि मैंने उस वक्त कहा था कि किसी भी व्यक्ति को उम्मीदवार घोषित कीजिए मैं पूरी क्षमता के साथ उसका समर्थन करूंगा और जब उम्मीदवार की घोषणा हुई तो उस वक्त भी उन्होंने ही सबसे पहले स्वागत के लिए गुलदस्ता भेंट किया था और मंच से उनका साथ देने की प्रतिबद्धता भी जाहिर की थी.
'मुझ में कोई कमी होगी इसलिए नहीं दिया गया मंडी से टिकट'
महेश्वर सिंह ने कहा कि कहीं ना कहीं चूक तो अवश्य हुई है और जहां तक उनका खुद का संबंध है तो पार्टी को पूरा अधिकार है कि वह सभी बातें सोच समझकर उम्मीदवार का चयन करें और संभवत उन्हें टिकट इसलिए नहीं दिया गया कि उनमें कोई कमी रही होगी. जो उम्मीदवार मंडी से लोकसभा के लिए भाजपा की तरफ से उतारा गया था. वह उस कमी की पूर्ति करते होंगे. जिसके कारण मुझे टिकट नहीं मिला पार्टी ने जब निर्णय कर दिया तो उस निर्णय को सफल करने के लिए पूरा जोर लगाया है.
'मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस को मिली बड़ी बढ़त'
उपचुनावों में कुल्लू से कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिलने पर महेश्वर सिंह ने कहा कि उनके पास पूरे कुल्लू जिले की जिम्मेदारी नहीं थी. केवल कुल्लू विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी थी. जिले में तो मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में भी हार हुई है. जो लोग मुझ पर उंगली उठा रहे हैं. वह बताएं कि उनके मंत्री अधिक पावरफुल हैं या निहत्था महेश्वर सिंह जिसके पास सरकार की तरफ से कोई शक्ति नहीं है.
उन्होंने कहा कि कुल्लू में कुछ कारण रहे जो कि हार के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि कुल्लू में कुछ संगठन गलत समय पर कैंपेन वाले दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले जब मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार के लिए कुल्लू आए थे. सवर्ण आयोग के लोगों ने उस दिन मुख्यमंत्री से समय लिया और वह क्षेत्र दलित बहुल है. जहां पर सवर्ण आयोग की मांग को लेकर लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांगा था.
महेश्वर सिंह ने कहा कि मैंने खुद मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि यह समय और स्थान इस संगठन से मुलाकात के लिए उपयुक्त नहीं है. यह नाजुक समय है. इस समय यह लोग क्या मांग करेंगे इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. इसलिए इस वक्त मुलाकात से बचना चाहिए, लेकिन वहां पर मुलाकात के बाद नारे लगाए गए. इसके बाद वोटिंग वाले दिन परिणाम सामने भी आ गए. नोटा में उस क्षेत्र से बड़ी बढ़ोतरी देखी गई. उस क्षेत्र से 900 वोट नोटा के लिए डाले गए, जबकि कांग्रेस को कुल 2800 वोटों की बढ़त मिली है. इसके अलावा भाजपा समर्थित लोग भी वोट डालने नहीं आए.
महेश्वर सिंह ने कहा उनके जीवन में स्पष्टवादिता है. जो कहूंगा स्पष्ट कहूंगा. उन्होंने कहा कि जब उन्हें भाजपा में न्याय नहीं मिला था तो अपना अलग से पार्टी बनाई, लेकिन किसी अन्य राजनीतिक दल में नहीं गए. जब उन्हें भाजपा में वापस आने का आग्रह किया गया तो वह वापस आए. महेश्वर सिंह ने कहा कि उनकी राजनैतिक गुरु ने हमेशा उन्हें पाठ सिखाया है कि राजनीति में अगर सच बोलोगे तो क्षणिक हानि होगी, लेकिन अंत में लाभ अर्जित होगा. इसलिए मैंने इन्हीं वाक्यों का अनुसरण किया है.
'महंगाई के कारण नहीं हुई भाजपा की हार'
महेश्वर सिंह ने कहा कि हार के कारणों की बड़ी समीक्षा होनी चाहिए जहां तक महंगाई को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता भलीभांति जानती है कि इन चुनावों के परिणाम से महंगाई पर कोई असर नहीं होने वाला है इसलिए महंगाई के कारण भाजपा की हार नहीं हुई है, क्योंकि प्रतिभा सिंह के जीतने से महंगाई कम नहीं होने वाली यह सभी लोग जानते हैं. महंगाई जैसे मुद्दे तो आम चुनावों में भूमिका निभाते हैं उपचुनावों में विकास और इससे जुड़े मुद्दे अहम होते हैं.
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