शिमला: प्रत्याशियों के चुनाव खर्चों संबंधी निगरानी व्यय पर्यवेक्षक महेश जिवाड़े ने बचत भवन में विभिन्न बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रत्यशियों द्वारा बैंकों से निकाली जा रही राशि की जानकारी देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में जारी किए गए मानकों की अनुपालना की जानी आवश्यक है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत उप-चुनाव के दौरान समस्त खातों में एक लाख से ज्यादा असामान्य और संदेहजनक पैसों की निकासी व जमा राशि की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी.
वहीं ,असामान्य पैसों का स्थानांतरण जिसमें आरटीजीएस द्वारा एक बैंक खाते से विभिन्न लोगों को जिला व विधानसभा क्षेत्र में उप-चुनाव के दौरान भेजे जा रहे हैं तो इस संबंध में भी जानकारी निर्वाचन आयोग को देना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि उप-चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों व उम्मीदवार तथा उसके परिवारजन व आश्रित लोगों को हल्फनामे में भरे गए खाते में एक लाख से ज्यादा जमा तथा निकासी राशि की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी.
इसके अतिरिक्त संदेहजनक पैसों के लेन-देन जिसके अंतर्गत खातों में पहले से पैसा नहीं जा रहा था, लेकिन चुनावों के दौरान खातों में पैसों की अदायगी आरंभ हुई, के संबंध में भी रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त यदि 10 लाख से अधिक पैसों की निकासी व जमा हो तो इस संदर्भ में सूचना को आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी ,ताकि अधिनियम के अंतर्गत आगामी कार्यवाही की जा सके उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्भय चुनाव प्रक्रियाओं की पूर्ति के लिए सभी की सहभागिता आपेक्षित है. बैंक अधिकारी प्रतिदिन के आधार पर अपनी रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी एवं व्यय पर्यवेक्षक को भेजना सुनिश्चित करें.
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