शिमलाः कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच सोमवार को प्रदेश भर में ईद-उल-फितर मनाई जाएगी. हालांकि कश्मीर और केरल में रविवार को ही ईद मनाई गई, लेकिन शनिवार को चांद नजर न आने के चलते अन्य हिस्सों में सोमवार को ईद मनाई जाएगी.
इस बार कोरोना वायरस के चलते ईद पर न तो मस्जिदों और न ही ईदगाहों पर लोग नमाज पढ़ पाएंगे. कर्फ्यू के चलते मस्जिदें पहले ही बंद कर दी गई हैं. वहीं, प्रशासन द्वारा घरों में ही नमाज पढ़ने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में सोमवार को ईद की नमाज लोग अपने अपने घरो में ही पढ़ेंगे.
इस अवसर पर मुस्लिम धर्मगुरु भी लोगों से घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील कर रहे हैं. राजधानी शिमला की बात करें तो लोग घरों में सुबह सूरज निकलने के बाद से 12 बजे तक ईद की नमाज घरों में पढ़ सकते हैं.
शिमला कुतुब मस्जिद के ईमाम मुहम्मद शफी कासमी ने कहा कि रमजान के 30 रोजे रविवार को पूरे हो रहे हैं और सोमवार को ईद मनाई जाएगी. ईद की नमाज इस बार मस्जिदों और ईदगाह में नहीं बल्कि लोग घरों में पढ़ें और सुबह सूरज निकलने के 20 मिनट के बाद से 12 बजे तक नमाज पढ़ी जा सकती है.
उन्होंने कहा कि रमजानुल मुबारक महीने में 30 दिन रोजे रखने के बाद मुस्लिम समाज ईद मनाता है और इसमें गरीबों को सदका देना अनिवार्य है. लोग अपने घरों में ही ईद का त्योहार मनाएं और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें. उन्होंने कहा कि ईद पर सभी लोगों को देश की तरक्की और कोरोना वायरस बीमारी से जल्द निजात मिलने के लिए दुआ करें.
बता दें कि मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के महीने रोजे रखते हैं और पूरे महीने अल्लाह की इबादत करते हैं जिसके बाद ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है और लोग ईद की नमाज अदा करने के लिए ईदगाहों में जाते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की महामारी के चलते पूरी दुनिया में लोगों को घरों में ही नमाज पढ़ कर त्योहार मना रहे हैं और हिमाचल में भी घरों में ही नमाज पढ़ने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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