शिमलाः प्रदेश के निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों की योग्यता की जांच कर रहे निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को अभी तक सभी निजी कॉलेजों ने प्रिंसिपलों से जुड़ी जानकारी साझा नहीं की है. अभी तक मात्र 97 निजी कॉलेजों ने ही यह जानकारी आयोग को दी है, लेकिन वह भी आधी अधूरी है. ऐसे में अब सभी निजी कॉलेजों के लिए एक नया फॉर्मेट आयोग की ओर से तैयार किया गया है, जिसके आधार पर अब उन्हें यह जानकारी देने के आदेश जारी किए गए हैं.
आयोग ने सभी निजी कॉलेजों को 25 फरवरी तक का समय यह जानकारी उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए हैं. जो निजी कॉलेज इस तय समय के अंदर जानकारी आयोग को नहीं देंगे उन पर आयोग अपनी शक्तियों के हिसाब से कार्रवाई करेगा. इन कॉलेजों के प्रबंधकों को आयोग के कार्यालय में पेश किया जाएगा.
70 कॉलेजों ने नहीं किया निर्देशों का पालन
प्रदेश में अभी 70 से अधिक कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने आयोग के निर्देशों की अनुपालना नहीं की है. इन कॉलेजों ने अभी तक प्रिंसिपलों की योग्यता का ब्यौरा आयोग को नहीं भेजा है. अब आयोग के तय फॉर्मेट पर ही इनको यह ब्यौरा देना होगा. आयोग की ओर से दिए गए तय समय के बीच में सभी कॉलेजों को प्रिंसिपलों की योग्यता का पूरा डाटा आयोग को भेजना होगा. आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर ही अब आयोग की ओर से निजी कॉलेजों की प्रिंसिपलों की योग्यता को जांचा जा रहा है.
प्रिंसिपलों का कॉलेजों से मांगा ब्यौरा
प्रिंसिपल यूजीसी के नियमों के तहत तय पात्रता को पूरा करते हैं या नहीं इसकी जांच के लिए आयोग ने सभी प्रिंसिपलों का ब्यौरा कॉलेजों से मांगा है. अभी तक मात्र 97 ही कॉलेजों ने यह जानकारी आयोग को दी हैं लेकिन वह भी आधा अधूरा ही है. ऐसे में अब आयोग ने नया फॉर्मेट जारी किया है जिसके आधार पर निजी कॉलेजों को अब यह जानकारी देनी होगी.
97 कॉलेजों की आई रिपोर्ट
बता दें कि आयोग के पास अभी तक 97 कॉलेजों के प्रिंसिपलों की रिपोर्ट और रिज्यूमें आयोग के पास आ चुके हैं. जांच कमेटी ने इसकी जांच भी शुरू कर दी है. जिन कॉलेजों के प्रिंसिपलों का ब्यौरा नहीं है, उसके आने के बाद जांच को पूरा कर अयोग्य प्रिंसिपलों के खिलाफ कार्रवाई अलम में आई जाएगी. इस से पहले भी आयोग निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता को जांच चुका है.
आयोग की कार्यप्रणाली तेज
इसमें 10 विश्वविद्यालयों के कुलपति अयोग्य पाए गए थे और उन्हें पद से हटाने के आदेश आयोग ने जारी किए थे. निजी शिक्षण संस्थानों में हो रहे फर्जीवाड़ों के बाद अब आयोग की कार्यप्रणाली तेज हुई है. आयोग ने पहले चरण में इन संस्थानों में कुलपतियों ओर प्रिंसिपलों की ही जांच शुरू की है.
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