शिमलाः हिमाचल के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बुधवार को प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के साथ लगते संवेदनशील क्षेत्रों के स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार की बजट घोषणा में एनसीसी के युवाओं को फौज/पैरामीलिट्री और पुलिस सेवाओं में प्रोत्साहन के लिए जरूरी बटालियन और कंपनियां स्थापित करने का प्रावधान रखा गया था. इसके लिए केन्द्र ने प्रदेश के रामपुर और डलहौजी स्थित एनसीसी कंपनियों को बटालियन में स्तरोन्नत करने की स्वीकृति प्रदान की है. इससे प्रदेश के और अधिक कैडेट बी और सी प्रमाण पत्र का लाभ ले सकेंगे.
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला, ऊना और शिमला की एनसीसी कंपनियों को भी बटालियन में स्तरोन्नत करने के लिए प्रयासरत है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूलों के बच्चों को एनसीसी की गतिविधियों में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 314 स्कूलों और 64 कॉलेजों के 24 हजार 681 कैडेट्स को एनसीसी के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. प्रदेश में वर्तमान में एनसीसी की तीन बटालियन, सात कंपनियां, एक एनसीसी एयर स्क्वाड्रन और एक एनसीसी नेवल यूनिट कार्यरत है.
प्रदेश में मंडी जिला के बल्ह में एनसीसी अकादमी स्थापित करने के लिए भूमि चयनित की जा चुकी है, जिसमें से 17.19 बीघा भूमि शिक्षा विभाग को स्थानांरित कर दी गई है. इस अकादमी के स्थापित होने से प्रदेश के एनसीसी कैडेट्स को प्रदेश में ही प्रशिक्षण की सभी विशेष सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी. गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान एनसीसी कैडेट्स ने मास्क का उपयोग करने और सामाजिक दूरी का पालन करने के बारे में लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई है.
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