किन्नौरः जनजातीय जिला के निचले क्षेत्र के स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा कुछ हद तक सफल भी हो रही है, लेकिन कुछ शिक्षार्थियों के परिवार व स्वयं के पास स्मार्ट फोन नहीं होना और सिग्नल की दिक्कत जिला में आम बात है. फिर भी शिक्षा विभाग ने अपने 52 स्कूलों में से 46 स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाने का दावा किया है व अन्य 6 स्कूलों में बिना इंटरनेट के कई परेशानियां भी आई हैं.
इस बारे में शिक्षा विभाग के उपशिक्षा निदेशक पदम बिष्ट ने कहा कि जिला किन्नौर में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के तहत बच्चों को पढ़ाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है, चूंकि जिला में नेट सिग्नल की दिक्कतें आती रहती हैं, फिर भी विभाग ने अबतक 52 स्कूलों में से 46 स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई लगातार जारी रखने की कोशिश की है.
साथ ही अन्य 6 स्कूलों में अबतक बच्चों को पढ़ने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इन 6 स्कूलों में नेट की सुविधा बिल्कुल नहीं है, जिसके लिए वहां के अध्यापकों को बच्चों के घरों में जाकर पढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं. ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हों, उन्होंने कहा कि इन 6 स्कूलों में करीब 56 बच्चे हैं, जो जिला के दुर्गम क्षेत्रों से हैं, उन्हें पिछले दो महीने से बिना नेट के पढ़ाई में भारी समस्या आ रही हैं साथ ही जो भी अध्यापक इन बच्चों को पढ़ाने जाते हैं, उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग व कोविड-19 के दूसरे नियमों की पालना करना अनिवार्य रहेगा.
बता दें कि जिला किन्नौर के 65 पंचायतों के करीब 6 पंचायत ऐसे भी है, जो हांगरंग वैली में है, जहां आजतक इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंची है, जिसके चलते यहां के ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को कई दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है, साथ ही बिना नेट के पढ़ाई व दूसरे काम भी प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में सरकार ने अबतक इन क्षेत्रों में नेट की सुविधा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं.