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हिमाचल में असरदार साबित हो रही टेली-परामर्श सेवाएं, 86 हजार से ज्यादा मरीजों को मिला लाभ - E Sanjeevani portal service

पहाड़ी राज्य हिमाचल में टेली-परामर्श सेवाएं प्रभावी साबित हो रही हैं. टेली-परामर्श सेवाओं के कारण बड़े अस्पतालों में मरीजों की भीड़ कम हुई और कोविड संक्रमण का खतरा भी कम हुआ. इसके अतिरिक्त लोग अब अपने घर या घर के नजदीक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों से रोग संबंधी परामर्श ले रहे हैं, जिससे समय और पैसे की बचत हो रही है.

शिमला
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Published : Oct 11, 2021, 4:59 PM IST

शिमला: प्रदेश में टेली-परामर्श की सफलता का अंदाजा इसी बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिमाचल के 722 स्वास्थ्य उप केंद्र और 509 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 14 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस सेवा से जुड़ चुके और लोगों को टेली कंसल्टेशन सेवाएं प्रदान कर रहे है. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में मौजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मेडिसिन, स्त्री रोग, शिशु चिकित्सा, हड्डी रोग, मनोचिकित्सा, हृदय रोग, स्नायु तन्त्र और त्वचा रोग के संबंध में विशेषज्ञ सलाह दी जा रहा है. अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 86 हजार 607 मरीजों को 1,10,000 से अधिक टेली-परामर्श प्रदान किए जा चुके हैं.


प्रदेश सरकार ने मार्च, 2020 से टेली मेडिसिन (telemedicine) सेवा शुरू की थी. प्रदेश में 31 मार्च, 2020 को ई-संजीवनी पोर्टल (e-Sanjeevani Portal) शुरू किया गया. इस पोर्टल का उद्देश्य अधिकतर स्वास्थ्य संस्थानों जैसे स्वास्थ्य उपकेन्द्र और प्राथमिक उपकेन्द्रों को विशेषज्ञ और उत्तम विशेषज्ञ सुविधाओं के साथ प्रदेश के स्वास्थ्य महाविद्यालयों के साथ जोड़ना है. इसके बाद से प्रदेश में कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर पंजीकरण और टोकन प्राप्त करने के बाद टेली-परामर्श ले सकता है.

प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में बनाए गए टेली-परामर्श केंद्रों (tele-consultation centers) में चिकित्सकों को टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है.इसमें ई-प्रिस्क्रिप्शन जनरेट करने का भी प्रावधान है, जो सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ निजी दवाई की दुकानों में भी मान्य है. अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 5700 मरीजों को लगभग 4500 ई-ओपीडी टेली-परामर्श प्रदान किए जा चुके हैं. प्रदेश के लोग अब सभी कार्य दिवसों पर अपने मोबाइल फोन से या अपने नजदीकी स्वास्थ्य उप केंद्रों (एचएससी) या (पीएचसी) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सुबह 9.30 बजे से शाम 4.00 बजे तक वर्चुअल टेली कंसल्टेशन (Virtual Tele Consultation) के माध्यम से चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार के आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) कार्यक्रम के अन्तर्गत टेली-परामर्श सेवाएं शुरू की, ताकि आम लोग सामान्य जांच और पुरानी बीमारी के संबंध में, स्वयं महामारी से संक्रमित हुए बिना चिकित्सकों से परामर्श कर सकें. इस सेवा को भारत सरकार के ई-संजीवनी और ई-संजीवनी-ओपीडी पोर्टल पर शुरू किया गया.

प्रदेश के विभिन्न जिलों में अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2021 तक 4406 ई-ओपीडी परामर्श प्रदान किए गए, जिनमें जिला बिलासपुर में 735, चंबा में 171, हमीरपुर में 572, कांगड़ा में 888, किन्नौर में 28, कुल्लू में 123, लाहौल-स्पीति में 5, मंडी में 544, शिमला में 533, सिरमौर में 154, सोलन में 427 ओर ऊना में 226 लोग शामिल हैं. इस अवधि में लोगों को मेडिसिन के संबंध में 24,945, बाल स्वास्थ्य से संबंधित 12116, स्त्री रोग से संबंधित 12630, मनोचिकित्सा से संबंधित 10505, त्वचा रोग से संबंधित 10458, हड्डी रोग से संबंधित 3607, हृदय रोग से संबंधित 221, स्नायुतन्त्र से संबंधित 177 और इसके अतिरिक्त 36621 चिकित्सा संबंधित टेली-परामर्श प्रदान किए गए हैं.


स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया राज्य ने ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों (एचडब्ल्यूसी) से टेली-परामर्श सेवाएं आरंभ की है. इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक चिकित्सा अधिकारी एक मरीज को या स्वास्थ्य उप-केंद्र में (एचएससी) सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा, प्रदेश के पांच मेडिकल काॅलेजों आईजीएमसी (IGMC), टांडा मेडिकल काॅलेज (Tanda Medical College), मंडी मेडिकल कॉलेज नेरचौक, आरकेजीएमसीएच हमीरपुर और एम्स बिलासपुर में स्थापित पांच विशेषज्ञ हब में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों से विशेषज्ञ चिकित्सीय परामर्श के रूप में सहायता प्राप्त की जा सकती है.

हिमाचल प्रदेश तीसरा राज्य: भारत सरकार के पिछले वर्ष जारी आंकड़ों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश ने ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 24,527 परामर्श पंजीकरण किए.32,035 परामर्श के साथ तमिलनाडु और 28,960 परामर्श के साथ आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के बाद सबसे अधिक परामर्श पंजीकरण करने वाला हिमाचल (Himachal) प्रदेश तीसरा राज्य है.

टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों को डेस्कटाॅप और वेबकॉम के साथ जोड़ा गया. ताकि लोगों को कंप्यूटर के माध्यम से परामर्श प्रदान किया जा सके. इस सेवा की सफलता के लिए राज्य में आईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय टांडा और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय नेरचैक में विशेषज्ञ केन्द्र स्थापित किए गए.

मेडिसिन, कार्डियोलाॅजी, ऑर्थोपेडिक्स, ऑब्सटेट्रिक्स, गायनेकोलाॅजी, डर्मेटोलाॅजी, न्यूरोलाॅजी, पेडियाट्रिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और साइकियाट्री के क्षेत्र में विशेषज्ञ इन केन्द्रों में तैनात किया गया है. अब तक इन तीन केन्द्रों में विभिन्न विभागों के 112 चिकित्सकों को तैनात किया गया है. विशेषज्ञों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सभी कार्य दिवस पर सुबह 9ः30 बजे से शाम 4 बजे तक टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : हिमाचल में जीत का सिलसिला रहेगा जारी, चारों उपचुनाव में पार्टी को मिलेगी जीत: CM जयराम

शिमला: प्रदेश में टेली-परामर्श की सफलता का अंदाजा इसी बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिमाचल के 722 स्वास्थ्य उप केंद्र और 509 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 14 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस सेवा से जुड़ चुके और लोगों को टेली कंसल्टेशन सेवाएं प्रदान कर रहे है. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में मौजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मेडिसिन, स्त्री रोग, शिशु चिकित्सा, हड्डी रोग, मनोचिकित्सा, हृदय रोग, स्नायु तन्त्र और त्वचा रोग के संबंध में विशेषज्ञ सलाह दी जा रहा है. अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 86 हजार 607 मरीजों को 1,10,000 से अधिक टेली-परामर्श प्रदान किए जा चुके हैं.


प्रदेश सरकार ने मार्च, 2020 से टेली मेडिसिन (telemedicine) सेवा शुरू की थी. प्रदेश में 31 मार्च, 2020 को ई-संजीवनी पोर्टल (e-Sanjeevani Portal) शुरू किया गया. इस पोर्टल का उद्देश्य अधिकतर स्वास्थ्य संस्थानों जैसे स्वास्थ्य उपकेन्द्र और प्राथमिक उपकेन्द्रों को विशेषज्ञ और उत्तम विशेषज्ञ सुविधाओं के साथ प्रदेश के स्वास्थ्य महाविद्यालयों के साथ जोड़ना है. इसके बाद से प्रदेश में कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर पंजीकरण और टोकन प्राप्त करने के बाद टेली-परामर्श ले सकता है.

प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में बनाए गए टेली-परामर्श केंद्रों (tele-consultation centers) में चिकित्सकों को टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है.इसमें ई-प्रिस्क्रिप्शन जनरेट करने का भी प्रावधान है, जो सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ निजी दवाई की दुकानों में भी मान्य है. अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 5700 मरीजों को लगभग 4500 ई-ओपीडी टेली-परामर्श प्रदान किए जा चुके हैं. प्रदेश के लोग अब सभी कार्य दिवसों पर अपने मोबाइल फोन से या अपने नजदीकी स्वास्थ्य उप केंद्रों (एचएससी) या (पीएचसी) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सुबह 9.30 बजे से शाम 4.00 बजे तक वर्चुअल टेली कंसल्टेशन (Virtual Tele Consultation) के माध्यम से चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार के आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) कार्यक्रम के अन्तर्गत टेली-परामर्श सेवाएं शुरू की, ताकि आम लोग सामान्य जांच और पुरानी बीमारी के संबंध में, स्वयं महामारी से संक्रमित हुए बिना चिकित्सकों से परामर्श कर सकें. इस सेवा को भारत सरकार के ई-संजीवनी और ई-संजीवनी-ओपीडी पोर्टल पर शुरू किया गया.

प्रदेश के विभिन्न जिलों में अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2021 तक 4406 ई-ओपीडी परामर्श प्रदान किए गए, जिनमें जिला बिलासपुर में 735, चंबा में 171, हमीरपुर में 572, कांगड़ा में 888, किन्नौर में 28, कुल्लू में 123, लाहौल-स्पीति में 5, मंडी में 544, शिमला में 533, सिरमौर में 154, सोलन में 427 ओर ऊना में 226 लोग शामिल हैं. इस अवधि में लोगों को मेडिसिन के संबंध में 24,945, बाल स्वास्थ्य से संबंधित 12116, स्त्री रोग से संबंधित 12630, मनोचिकित्सा से संबंधित 10505, त्वचा रोग से संबंधित 10458, हड्डी रोग से संबंधित 3607, हृदय रोग से संबंधित 221, स्नायुतन्त्र से संबंधित 177 और इसके अतिरिक्त 36621 चिकित्सा संबंधित टेली-परामर्श प्रदान किए गए हैं.


स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया राज्य ने ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों (एचडब्ल्यूसी) से टेली-परामर्श सेवाएं आरंभ की है. इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक चिकित्सा अधिकारी एक मरीज को या स्वास्थ्य उप-केंद्र में (एचएससी) सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा, प्रदेश के पांच मेडिकल काॅलेजों आईजीएमसी (IGMC), टांडा मेडिकल काॅलेज (Tanda Medical College), मंडी मेडिकल कॉलेज नेरचौक, आरकेजीएमसीएच हमीरपुर और एम्स बिलासपुर में स्थापित पांच विशेषज्ञ हब में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों से विशेषज्ञ चिकित्सीय परामर्श के रूप में सहायता प्राप्त की जा सकती है.

हिमाचल प्रदेश तीसरा राज्य: भारत सरकार के पिछले वर्ष जारी आंकड़ों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश ने ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 24,527 परामर्श पंजीकरण किए.32,035 परामर्श के साथ तमिलनाडु और 28,960 परामर्श के साथ आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के बाद सबसे अधिक परामर्श पंजीकरण करने वाला हिमाचल (Himachal) प्रदेश तीसरा राज्य है.

टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों को डेस्कटाॅप और वेबकॉम के साथ जोड़ा गया. ताकि लोगों को कंप्यूटर के माध्यम से परामर्श प्रदान किया जा सके. इस सेवा की सफलता के लिए राज्य में आईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय टांडा और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय नेरचैक में विशेषज्ञ केन्द्र स्थापित किए गए.

मेडिसिन, कार्डियोलाॅजी, ऑर्थोपेडिक्स, ऑब्सटेट्रिक्स, गायनेकोलाॅजी, डर्मेटोलाॅजी, न्यूरोलाॅजी, पेडियाट्रिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और साइकियाट्री के क्षेत्र में विशेषज्ञ इन केन्द्रों में तैनात किया गया है. अब तक इन तीन केन्द्रों में विभिन्न विभागों के 112 चिकित्सकों को तैनात किया गया है. विशेषज्ञों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सभी कार्य दिवस पर सुबह 9ः30 बजे से शाम 4 बजे तक टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.

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