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हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला: 5 राज्यों से जुड़े तार, DGP संजय कुंडू ने अधिकारियों से मांगा सहयोग

हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले के तार अन्य राज्यों से जुड़ने की बात सामने आ रही (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) है. डीजीपी संजय कुंडू ने 5 राज्यों के पुलिस अधिकारियों से इसको लेकर सहयोग मांगा है. संजय कुंडू ने बताया कि संगठित अपराध में राजस्थान, बिहार, यूपी, हरियाणा और दिल्ली के आयुक्त से सहयोग मांगा गया, ताकि मामले का जल्द पर्दाफाश किया जा सके.

हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला
हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला
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Published : May 25, 2022, 8:28 AM IST

Updated : May 25, 2022, 9:36 AM IST

शिमला: पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अब तार 5 राज्यों राजस्थान, बिहार, यूपी, हरियाणा और दिल्ली से जुड़ने का मामला सामने आ रहा है. जानकारी के मुताबिक जिन्होंने भी हिमाचल में पुलिस भर्ती का पेपर लीक कराया वह अन्य राज्य में भी कागज रिसाव के इस संगठित अपराध में शामिल रहे हैं. पेपर लीक केस की जांच में यह खुलासा होने के बाद प्रदेश पुलिस प्रमुख ने 4 राज्यों बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों के साथ दिल्ली पुलिस से भी (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) सहयोग मांगा है.

संगठित अपराध में सभी का सहयोग चाहिए: डीजपी संजय कुंडू (Djp Sanjay Kundu on Police Recruitment Paper Leak Case) ने बताया कि पेपर लीक होना पूरे देश में संगठित अपराध बन चुका है. प्रदेश पुलिस एसआईटी की जांच में सामने आया कि किंगपिन इस अपराध में लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हैं. ऐसे में इस संगठित अपराध को रोकने और इस तरह के अपराध करने वाले सरगनाओं को पकड़ने के लिए सभी राज्य की पुलिस को सहयोग करने की जरूरत है.

डीजीपी संजय कुंडू ने दावा किया कि एसआईटी की जांच महत्वपूर्ण चरण में पहुंच चुकी और जल्द ही मामले में शामिल सरगनाओं का पर्दाफाश किया जाएगा. इस कड़ी में SIT की अलग-अलग टीमें जगह-जगह दबिश देकर आरोपियों की धरपकड़ में लगी है. DGP ने कहा कि सरगनाओं को गिरफ्तार करने के लिए उक्त राज्य के पुलिस महानिदेशकों और केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस आयुक्त से बात कर सहयोग मांगा गया.

अब तक 91 गिरफ्तारियां: बता दें कि पेपर लीक केस में अब तक 91 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. वहीं, हिमाचल के 8 जिलों से इस केस के तार जुड़े हैं. मामले की जांच को लेकर एसआईटी ने 6 टीमों का गठन किया, ताकि जल्द आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके. वहीं, हिमाचल सहित पुलिस की टीमें लगातार आरोपियों को गिरफ्त में लेने की कोशिश कर रही है.

जांच सीबीआई से कराने की शिफारिश: सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर चुकी है. ऐसे में पुलिस विभाग पूरे दस्तावेज भी तैयार कर रहा, ताकि CBI के केस हाथ में लेते समय पूरा रिकार्ड समय रहते उनके हवाले किया जा सके. बता दें कि 27 मार्च 2022 को 1334 पदों के लिए लिखित परीक्षा हुई थी. परीक्षा में पूरे प्रदेश से करीब 74 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. प्रदेशभर में 81 केंद्रों पर लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था. रिजल्ट 5 अप्रैल 2022 को घोषित हुआ था. लिखित परीक्षा में कॉन्स्टेबल पुरुष के पदों के लिए 60 हजार से अधिक और कॉन्स्टेबल महिला पदों के लिए 14 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे.

75803 अभ्यर्थियों को दोबारा देनी होगी लिखित परीक्षा: हिमाचल में 75 हजार से अधिक युवाओं ने परीक्षा दी थी. बाद में यह खुलासा हुआ कि कुछ अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक लिए लेकिन उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड बहुत खराब था. वहीं से कांगड़ा पुलिस को शक हुआ और धांधली सामने आई. अभी तक की जांच में यह पता चला है कि कुछ अभ्यर्थियों ने पेपर लीक की एवज में 8 से 10 लाख रुपए तक चुकाए हैं. कयास लगाया जा रहा है कि पेपर लीक होने के बाद कम से कम 2 हजार अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया. इस तरह यह घोटाला डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का हो सकता है. अब हिमाचल के 75803 अभ्यर्थियों को दोबारा लिखित परीक्षा देनी होगी. मेधावी अभ्यर्थियों के अब हौसले टूट गए हैं. नए सिरे से तैयारी का मन नहीं बना पा रहे हैं. यह प्रक्रिया पुलिस कॉन्स्टेबल के 1334 पद भरने के लिए शुरू की गई थी.


हिमाचल में 27 मार्च को ली गई पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती परीक्षा का पांच अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया था. प्रदेशभर के 81 केंद्रों पर 1334 पदों के लिए 75000 से अधिक युवाओं ने लिखित परीक्षा दी थी. परिणाम घोषित होने के बाद जिलों में चयनित युवाओं के दस्तावेजों की जांच का कार्य चल रहा था, कुछ जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, जबकि कई जगह यह प्रक्रिया चल रही थी. चंडीगढ़ के पंचकूला में छपे इस पेपर को लीक करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस भी संदेह के घेरे में है. उधर कांगड़ा जिले के रैहन में चलने वाले एक कोचिंग सेंटर के संचालक से भी पुलिस ने पूछताछ की है. इस कोचिंग संस्थान के आठ युवाओं ने पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी.

आरोपी अभ्यर्थी बोले नरेंद्र मोदी हैं हिमाचल के मुख्यमंत्री: कांगड़ा जिले में एक अभ्यर्थी ने काफी अच्छे अंक लिए उसके दस्तावेजों की जांच के दौरान पुलिस अफसर ने उससे एक सामान्य सवाल कर दिया. पुलिस अधिकारी ने अभ्यर्थी से हिमाचल के मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो उसने पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया. इससे पुलिस अफसर को शक हुआ. जब अन्य अभ्यर्थी से भी सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे गए तो उन्होंने सभी का गलत जवाब दिया. लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले युवाओं से जब ऐसे जवाब मिले तो उनके दस्तावेजों की गहराई से जांच हुई. पता चला कि उनके दसवीं की परीक्षा में मामूली अंक हैं. उसके बाद शक गहराया और एसपी कांगड़ा ने पूरे मामले की तह तक जाने का फैसला लिया और इस तरह पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की तह तक पहुंची.

ये भी पढ़ें :हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में CBI करेगी जांच: सीएम जयराम ठाकुर

शिमला: पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अब तार 5 राज्यों राजस्थान, बिहार, यूपी, हरियाणा और दिल्ली से जुड़ने का मामला सामने आ रहा है. जानकारी के मुताबिक जिन्होंने भी हिमाचल में पुलिस भर्ती का पेपर लीक कराया वह अन्य राज्य में भी कागज रिसाव के इस संगठित अपराध में शामिल रहे हैं. पेपर लीक केस की जांच में यह खुलासा होने के बाद प्रदेश पुलिस प्रमुख ने 4 राज्यों बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों के साथ दिल्ली पुलिस से भी (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) सहयोग मांगा है.

संगठित अपराध में सभी का सहयोग चाहिए: डीजपी संजय कुंडू (Djp Sanjay Kundu on Police Recruitment Paper Leak Case) ने बताया कि पेपर लीक होना पूरे देश में संगठित अपराध बन चुका है. प्रदेश पुलिस एसआईटी की जांच में सामने आया कि किंगपिन इस अपराध में लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हैं. ऐसे में इस संगठित अपराध को रोकने और इस तरह के अपराध करने वाले सरगनाओं को पकड़ने के लिए सभी राज्य की पुलिस को सहयोग करने की जरूरत है.

डीजीपी संजय कुंडू ने दावा किया कि एसआईटी की जांच महत्वपूर्ण चरण में पहुंच चुकी और जल्द ही मामले में शामिल सरगनाओं का पर्दाफाश किया जाएगा. इस कड़ी में SIT की अलग-अलग टीमें जगह-जगह दबिश देकर आरोपियों की धरपकड़ में लगी है. DGP ने कहा कि सरगनाओं को गिरफ्तार करने के लिए उक्त राज्य के पुलिस महानिदेशकों और केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस आयुक्त से बात कर सहयोग मांगा गया.

अब तक 91 गिरफ्तारियां: बता दें कि पेपर लीक केस में अब तक 91 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. वहीं, हिमाचल के 8 जिलों से इस केस के तार जुड़े हैं. मामले की जांच को लेकर एसआईटी ने 6 टीमों का गठन किया, ताकि जल्द आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके. वहीं, हिमाचल सहित पुलिस की टीमें लगातार आरोपियों को गिरफ्त में लेने की कोशिश कर रही है.

जांच सीबीआई से कराने की शिफारिश: सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर चुकी है. ऐसे में पुलिस विभाग पूरे दस्तावेज भी तैयार कर रहा, ताकि CBI के केस हाथ में लेते समय पूरा रिकार्ड समय रहते उनके हवाले किया जा सके. बता दें कि 27 मार्च 2022 को 1334 पदों के लिए लिखित परीक्षा हुई थी. परीक्षा में पूरे प्रदेश से करीब 74 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. प्रदेशभर में 81 केंद्रों पर लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था. रिजल्ट 5 अप्रैल 2022 को घोषित हुआ था. लिखित परीक्षा में कॉन्स्टेबल पुरुष के पदों के लिए 60 हजार से अधिक और कॉन्स्टेबल महिला पदों के लिए 14 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे.

75803 अभ्यर्थियों को दोबारा देनी होगी लिखित परीक्षा: हिमाचल में 75 हजार से अधिक युवाओं ने परीक्षा दी थी. बाद में यह खुलासा हुआ कि कुछ अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक लिए लेकिन उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड बहुत खराब था. वहीं से कांगड़ा पुलिस को शक हुआ और धांधली सामने आई. अभी तक की जांच में यह पता चला है कि कुछ अभ्यर्थियों ने पेपर लीक की एवज में 8 से 10 लाख रुपए तक चुकाए हैं. कयास लगाया जा रहा है कि पेपर लीक होने के बाद कम से कम 2 हजार अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया. इस तरह यह घोटाला डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का हो सकता है. अब हिमाचल के 75803 अभ्यर्थियों को दोबारा लिखित परीक्षा देनी होगी. मेधावी अभ्यर्थियों के अब हौसले टूट गए हैं. नए सिरे से तैयारी का मन नहीं बना पा रहे हैं. यह प्रक्रिया पुलिस कॉन्स्टेबल के 1334 पद भरने के लिए शुरू की गई थी.


हिमाचल में 27 मार्च को ली गई पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती परीक्षा का पांच अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया था. प्रदेशभर के 81 केंद्रों पर 1334 पदों के लिए 75000 से अधिक युवाओं ने लिखित परीक्षा दी थी. परिणाम घोषित होने के बाद जिलों में चयनित युवाओं के दस्तावेजों की जांच का कार्य चल रहा था, कुछ जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, जबकि कई जगह यह प्रक्रिया चल रही थी. चंडीगढ़ के पंचकूला में छपे इस पेपर को लीक करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस भी संदेह के घेरे में है. उधर कांगड़ा जिले के रैहन में चलने वाले एक कोचिंग सेंटर के संचालक से भी पुलिस ने पूछताछ की है. इस कोचिंग संस्थान के आठ युवाओं ने पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी.

आरोपी अभ्यर्थी बोले नरेंद्र मोदी हैं हिमाचल के मुख्यमंत्री: कांगड़ा जिले में एक अभ्यर्थी ने काफी अच्छे अंक लिए उसके दस्तावेजों की जांच के दौरान पुलिस अफसर ने उससे एक सामान्य सवाल कर दिया. पुलिस अधिकारी ने अभ्यर्थी से हिमाचल के मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो उसने पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया. इससे पुलिस अफसर को शक हुआ. जब अन्य अभ्यर्थी से भी सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे गए तो उन्होंने सभी का गलत जवाब दिया. लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले युवाओं से जब ऐसे जवाब मिले तो उनके दस्तावेजों की गहराई से जांच हुई. पता चला कि उनके दसवीं की परीक्षा में मामूली अंक हैं. उसके बाद शक गहराया और एसपी कांगड़ा ने पूरे मामले की तह तक जाने का फैसला लिया और इस तरह पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की तह तक पहुंची.

ये भी पढ़ें :हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में CBI करेगी जांच: सीएम जयराम ठाकुर

Last Updated : May 25, 2022, 9:36 AM IST
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