शिमला: राजधानी शिमला में नव वर्ष के पहले दिन लोगों ने अपने दिन की शुरूआत मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ की. सैंकड़ों की तादाद में लोग नववर्ष के पहले दिन मंदिरों में पूजा (Tourist visited Temples in Shimla) अर्चना के लिए पहुंचे. ईश्वर की आराधना कर नए साल की शुरुआत करने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.
सुबह से ही मंदिरों में लोग पहुंचने शुरू हो गए थे. हालांकि कई जगह शारीरिक दूरी का पालन भक्त ने स्वयं किया, लेकिन कई मंदिरों में लोगों को परेशानी भी हुई. नए साल के पहले दिन (Tourist started reaching shimla) श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने विशेष इंतजाम किया था. इसके अलावा, शहर और उपनगर में कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी शनिवार को किया गया. शहर के जाखू मंदिर, संकट मोचन, तारादेवी व कालीबाड़ी मंदिर में लोगों की भीड़ पूरे दिन भर लगी रही. नववर्ष के पहले दिन शहर के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई. शहर के प्रमुख चारों मंदिरों में लोग पूजा अर्चना के लिए लाइनों में खड़े नजर आए और दोपहर तक मंदिर में लोगों की भीड़ लगी रही.
वहीं, नए साल का जश्र मनाने शिमला पहुंच अधिकतर पर्यटकों ने (Tourist at Jakhu temple shimla) भी अपने दिन की शुरूआत मंदिरों में पूजा अर्चना से की. इस दौरान श्रद्धालुओं ने कहा कि हमने सालभर आशीर्वाद बनाए रखने की कामना की, जिससे कोई भी संकट न आए और उसका उन पर कोई असर नहीं पड़े. वहीं, जल्द से जल्द पूरे विश्व को कोरोना महामारी से निजात मिल सके.
वहीं, कुछ पर्यटकों की भीड़ गिरजाघरों में भी देखी गई. शहर के रिज मैदान पर (Christ church shimla) बने क्राइस्ट चर्च में भी सुबह के समय विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. क्राइस्ट चर्च के फादर सोहन लाल ने कहा कि हर साल नए साल के उपलक्ष्य पर क्राइस्ट चर्च में विशेष प्रार्थना होती है. जिसे हिन्दी व अंग्रेजी में गाया जाता है. बता दें कि नए साल मनाने आए पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चर्च को विशेष रूप से सजाया गया है. चर्च में नए साल के पहले दिन सैंकड़ो पर्यटकों ने प्रभू यीशु मसीह के समक्ष प्रेयर की. वहीं, हिन्दु रीति (Tourist places in shimla) रिवाजों के अनुसार नए साल का शुभारंभ चैत्र मास से शुरू होता है. जबकि अंग्रेजी हुकुमत के तहत नया साल जनवरी से शुरू हो जाता है.