नई दिल्ली: रविवार रात 9 बजे दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन सुबह 4 बजे तक चलता रहा. इन 7 घण्टों के दौरान छात्रों की तरफ से दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी हुई. हजारों की संख्या में जुटे छात्र तब तक पीछे नहीं हटे, जब तक हिरासत में लिए गए उनके साथियों को रिहा नहीं किया गया.
तीनों विश्वविद्यालय के छात्र उमड़े
जामिया से शुरू हुआ छात्रों का यह प्रदर्शन दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचा, जहां जामिया के छात्रों को समर्थन देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र भी उमड़े थे.
हजारों की संख्या में पहुंचे इन छात्रों का समर्थन करने के लिए कई राजनीतिक दल भी आगे आए. कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा, कीर्ति आजाद और राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के कई नेता यहां छात्रों का साथ देने के लिए आए.
'आप' ने दिया छात्रों का साथ
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन की भी यहां मौजूदगी रही. उन्होंने छात्रों की मांगों को जायज ठहराया और दिल्ली पुलिस को निशाने पर लिया.
छात्रों की बड़ी संख्या और उनके आक्रोश को देखते हुए दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने छात्र नेताओं के साथ मीटिंग शुरू की और फिर हिरासत में लिए गए इनके साथियों को रिहा करने के लिए पुलिस तैयार हुई.
रिहा किए गए छात्र
गौरतलब है कि जामिया प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिन्हें कालकाजी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में रखा गया था. इन सभी को रिहा किए जाने के बाद पुलिस की तरफ से प्रवक्ता एमएस रंधावा ने आंदोलनकारी छात्रों को यह जानकारी दी. उसके बाद छात्र पीछे हटने को तैयार हुए.
सोमवार को यूनिवर्सिटी बंद
हालांकि छात्रों का कहना था कि उनकी मांग अभी पूरी नहीं हुई है, वे उन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई चाहते हैं, जिन्होंने उनके साथियों पर लाठियां और गोलियां बरसाई. इन सभी छात्रों ने सोमवार को यूनिवर्सिटी बंद की घोषणा की है.