शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक आयोजित हुई. बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर निर्णय लिए गए. बैठक में नाइट कर्फ्यू, ग्रीष्मकालीन स्कूलों में छुट्टियों, रविवार को बाजार बंद रखने और अतिरिक्त फीस को लेकर फैसले लिए गए.
नाइट कर्फ्यू में बदलाव
मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि चार जिलों में लगाया गया नाइट कर्फ्यू अब रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 4 जिलों कुल्लू, कांगड़ा, शिमला और मंडी में नाइट कर्फ्यू लगाया था. नाइट कर्फ्यू पहले रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू था. वहीं, बुधवार को कैबिनेट ने नाइट कर्फ्यू को रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू रखने का निर्णय लिया है.
12 फरवरी तक बंद रहेंगे स्कूल
मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सभी स्कूलों को अगले साल 12 फरवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया. सरकार ने ग्रीष्मकालीन स्कूलों में भी छुट्टियों की घोषणा कर दी है. इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी. नौवीं से 12वीं कक्षा तक की परीक्षाएं मार्च और अप्रैल में होंगी. कॉलेजों में एक जनवरी से पांच फरवरी तक तय शेड्यूल के तहत ही अवकाश रहेगा.
रविवार को खुले रहेंगे बाजार
कैबिनेट ने कोरोना महामारी के बीच निर्णय लिया कि अब रविवार को प्रदेश में बाजार खुले रहेंगे. कैबिनेट ने आम जनता और विभिन्न ट्रेड संघों की मांग पर विचार करके राज्य में पहले की तरह रविवार को दुकानें खोलने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. यानी दस बजे के बाद रविवार को बाजार खुलेंगे.
राजधानी शिमला में रविवार को ढाबे-रेस्टोरेंट खुले रखने और नए साल तक रात्रि कर्फ्यू हटाने की शिमला व्यापार मंडल सरकार से मांग की थी जिसके बाद कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है.
निजी स्कूलों की मनमानी पर कमेटी गठित
राज्य सरकार ने निजी स्कूलों की तरफ से फीस वसूली को लेकर जारी विवाद के बीच बड़ा फैसला लिया है. डीसी की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जो सभी विवादों का निपटारा करेगी. डीसी के अलावा कमेटी में संबंधित जिला के हायर एजुकेशन डिप्टी डॉयरेक्टर व डिप्टी डॉयरेक्टर एलीमेंटरी एजुकेशन शामिल होंगे. कमेटी इस बात पर नजर रखेगी कि निजी स्कूल किसी भी तरह की नाजायज फीस वसूली न कर सकें.
दरअसल समिति द्वारा यह देखा जाएगा कि निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा लिए जा रहे शुल्क और चार्ज स्कूलों में कर्मचारियों के वेतन और बुनियादी सुविधाओं के अनुरूप हैं और यह किसी का शोषण तो नहीं कर रहे हैं.
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