शिमलाः हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन लगाने को लेकर प्रदेश सरकार लोगों से सुझाव और राय मांग रही है. शिमला जिला प्रशासन फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है. जिला में हांलाकि अभी ज्यादा मामले नहीं आये हैं. अन्य जिलों के मुकाबले शिमला में कोरोना के कम मामले हैं. जिला में कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा भी नहीं है.
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने कहा कि पूर्ण तरीके से लॉकडाउन करना अब समस्या का समाधान नहीं है, लेकिन फिर भी जिस क्षेत्र में ज्यादा संख्या में कोरोना के मामले आएंगे, उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. वहीं, एक साथ ज्यादा मामले आते हैं, तो उस क्षेत्र को कुछ दिनों के लिए सील किया जाएगा. वहां रहने वाले लोगों की टेस्टिंग की जाएगी और टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी निर्णय लिया जाएगा.
डीसी ने कहा कि शिमला में अब तक कोरोना के कुल 140 केस आए हैं, जिनमें 89 एक्टिव केस हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने दावा किया है कि जो भी कोरोना के मामले आए हैं, वह उन लोगों में हैं, जिन्हें होम क्वारंटाइन या संस्थागत क्वारंटाइन किया गया था.
इसमें ज्यादातर आईटीबीपी के जवान और कुछ मजदूर हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिला में कम्युनिटी स्प्रेड वाली कोई स्थिति नहीं है और न ही अब तक किसी भी क्षेत्र में ज्यादा मात्रा में कोरोना फैला है. उन्होंने कहा कि फिलहाल जिला शिमला में पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा.
डीसी ने कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए अभी तक कोई दवाई नहीं बन पाई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत ही इससे बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और बार-बार साबुन से हाथ धोना जरूरी है. उन्होंने कहा कि लोग घरों से तभी बाहर निकलें जब कोई जरूरी काम हो साथ ही घर से बाहर निकलते ही मास्क सही ढंग से पहनना आवश्यक है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर एहतिहात बरतें ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके.
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